Desk: शिवहर की बेटी डॉ. अर्चना सिंह ने न केवल फिल्मी दुनिया में किस्मत संवारी। बल्कि एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी। पांच दर्जन से अधिक भोजपुरी और हिंदी फिल्म में काम कर खुद को जहां मायानगरी में कामयाबी का परचम लहराया, वहीं अपनी पहचान भी बनाई। आज डॉ. अर्चना सिंह की पहचान भोजपुरी फिल्मों की सफल हीरोइन के रूप में होती है। इसके अलावा उन्होंने हिंदी फिल्म में भी काम कर पहचान बनाई है। लंबे समय तक मायानगरी में काम करने के बाद वह इन दिनों समाज सेवा में जुटी हुई है। साथ ही अभिनेत्री से नेत्री बनने की तैयारी में है।
वह शिवहर जिला परिषद क्षेत्र संख्या चार से मैदान में उतरने को तैयार है। बताते चलें कि डॉ. अर्चना सिंह, शिवहर के चर्चित आर्थेपेडिक सर्जन डॉ. आरके सिंह की पत्नी है। डॉ. अर्चना मूल रूप से जिले के पुरनहिया प्रखंड के बेदौल आजम की रहने वाली है। उनके पिता प्रो. राजदेव सिंह, प्राध्यापक रहे है। अर्चना बचपन से ही काफी मेधावी थी। वहीं उनमें गीत, संगीत, नृत्य और अभिनय की जन्मजात कला थी। उनके अंदर के कलाकार को बचपन में ही मां शैलबाला देवी ने पहचान लिया था।
यहीं वजह हैं कि मां के सान्निध्य में अर्चना ने कला की साधना की। अर्चना ने शिक्षा के साथ कला की साधना जारी रखी। बाद में डॉ. आरके सिंह के साथ उनकी शादी हुई। अर्चना तीन बच्चों की मां है। अर्चना की चाहत सफल फिल्म अभिनेत्री बनने की थी। वर्ष 2009 में उन्होंने मायानगरी का रूख किया। वर्ष 2010 में साधना प्रसाद निर्देशित भोजपुरी फिल्म साईं मोरे बाबा उनकी पहली फिल्म रही। इस फिल्म में उनके हीरो मनोज तिवारी रहे। इसके बाद उन्होंने भोजपुरी फिल्मों के तमाम बड़े स्टार के साथ काम की। अर्चना ने मनोज तिवारी के साथ औरत खिलौना नही। खेसारी लाल यादव के साथ मेहदी लगा के रखना, दिनेश लाल यादव के साथ क्रिमिनल और बम-बम बोल रहा है काशी और रवि किशन के साथ शहंशाह जैसी हिट फिल्मों में बेहतरीन अदाकारी की बदौलत सफलता के कीर्तिमान बनाए।
इसके अलावा इसके अलावा मजनू मोटर वाला, पिरितिया कबहूं टूटे ना, लाल बैरी बालम समेत दर्जनों चर्चित फिल्म में काम कर चुकी है। मेहदी लगा के रखना फिल्म में उन्हें काफी सराहा गया। वर्तमान में दर्जनों फिल्में आने वाली है। इनमें हिंदी भी ‘नाच’ भी शामिल है।
बताती हैं कि वह हिंदी और भोजपुरी फिल्मों में वह कई तरह की भूमिकाएं अदा की है। अब विलेन की भूमिका अदा करना चाहती है। शिवहर दौरे पर पहुंची डॉ. अर्चना ने बताया कि उनके अंदर की कला ईश्वरीय देन है। उन्होंने एक्टिंग के लिए कभी कोई कोर्स नहीं किया और नहीं फिल्मी दुनिया में जगह बनाने के लिए कोई संघर्ष किया। मां के आर्शीवाद से वह आगे बढ़ती चली गई। बताया कि, उनकी मां अब इस दुनियां में नहीं रही। लेकिन, उन्होंने जो मुकाम पाया है वह उनकी मां की ही देन है।
मायानगरी में काम करने के साथ अब डॉ. अर्चना सिंह समाज सेवा में लगी है। वह शिवहर के इलाकों में भ्रमण कर जरूरतमंदों की सेवा और सहायता कर रही है। साथ ही अभिनेत्री से नेत्री बनने की तैयारी कर रही है। बताया कि वह शिवहर जिला परिषद क्षेत्र संख्या चार से चुनाव लड़ेगी। साथ ही राजनीति में इंट्री लेगी। बताया कि यह इलाका उनका अपना है और इलाके के लोग भी अपने है।इलाके के लोगों की मांग पर ही वह मैदान में उतरने की तैयारी में है। कहा कि, शिवहर को जिले का दर्जा तो दिलाया गया। लेकिन विकास के मामले में इलाका फिसड्डी है। कहा कि, जनता ने मौका दिया तो वह शिवहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगी। उनका मकसद शिवहर के लोगों के लिए कुछ करना है।