पटनाः लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सवर्णों पर मेहरबानी दिखाई है। बिहार एमएलसी चुनाव में मुसलमान और पासवान का टिकट काटकर मंगल पांडेय को विधान परिषद भेजने का निर्णय लिया है। बिहार की 11 एमएलसी सीटों के लिए 11 मार्च को चुनाव होना है। इसमें तीन एमएलसी भाजपा के हैं जिनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसमें मंगल पांडेय, शाहनवाज हुसैन और संजय पासवान शामिल हैं। हालांकि भाजपा ने शाहनवाज हुसैन और संजय पासवान का टिकट काट दिया है। अल्पसंख्यक बिरादरी से आने वाले सबसे बड़े चेहरों में एक शाहनवाज हुसैन को लेकर भाजपा लोकसभा चुनाव में कोई बड़ी रणनीति बना सकती है। वहीं संजय पासवान लम्बे समय से दलित चेहरे के रूप में भाजपा की प्रमुख पहचान रहे हैं। लेकिन दोनों का पत्ता गुल हो गया है।
वहीं भाजपा को लेकर जो एक आम धारणा रही है कि यह सवर्णों को तरजीह देती है. इस बार पार्टी ने एमएलसी चुनाव में सवर्णों पर मेहरबानी दिखाई. जिन तीन चेहरों को उम्मीदवार बनाया गया है उसमें दो सवर्ण हैं. भाजपा ने शनिवार को बिहार में एमएलसी चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित किए. राजद की ओर से विधान परिषद के लिए मंगल पाण्डेय, डॉ लाल मोहन गुप्ता और अनामिका सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है. इसमें मंगल पाण्डेय ब्राह्मण और अनामिका सिंह राजपूत जाति से आते हैं. वहीं डॉ लाल मोहन गुप्ता अतिपिछड़ा वर्ग से आते हैं. वे मुंगेर जिले में पार्टी के जिला अध्यक्ष रहे चुके हैं. ऐसे में तीन में दो उम्मीदवार सवर्ण जातियों से हैं।
एमएलसी चुनाव में दूसरी ओर राजद ने चार उम्मीदवारों को उतारा है. इसमें एक यादव, एक नाई और दो मुसलमान बिरादरी हैं. राजद की ओर से विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी और वरिष्ठ पार्टी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया गया है. इसके साथ ही दो अन्य उम्मीदवारों में राजद प्रवक्ता उर्मिला ठाकुर और सैयद फैसल अली के नाम शामिल हैं. महागठबंधन की ओर से भाकपा (माले) की शशि यादव भी उम्मीदवार हैं. साथ ही जदयू ने नीतीश कुमार जो कुर्मी जाति से हैं और खालिद अनवर जो मुसलमान हैं उन्हें एमएलसी उम्मीदवार बनाया है. साथ ही हम ने मुसहर जाति से आने वाले संतोष सुमन को उम्मीदवार बनाया है।
बिहार में रिक्त की हो रही एमएलसी की 11 सीटों पर 21 मार्च को चुनाव होना है.बिहार विधानसभा में विधायकों की दलीय स्थिति देखें तो बीजेपी के 78 (कांग्रेस के दो बागी और राजद के 2 बागी विधायक भी बीजेपी के साथ जिससे कुल 82 विधायक भाजपा के होते हैं), जेडीयू के 45, ‘हम’ के चार और एक निर्दलीय विधायक के वोट हैं. विपक्ष की बात करें तो आरजेडी के पास 74, कांग्रेस के 17, वाम दल के 16 एमएल हैं. जबकि एआईएमआईएम के 1 एमएल हैं। ऐसे में एक एमएलसी सीट जीतने के लिए 21 विधायकों का समर्थन चाहिए. मौजूदा संख्या बल के हिसाब से एनडीए के पास 132 विधायकों का समर्थन है. वहीं विपक्षी खेमे को 107 विधायक महागठबंधन के हैं. संख्या बल के हिसाब से भाजपा के 3, जदयू के 2 और हम के 1 एमएलसी बनेंगे जबकि राजद के चार और वाम दल के एक एमएलसी होंगे।