बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी गहमागहमी अब चरम पर है। एनडीए में सीट बंटवारे और बीजेपी से नाराज़गी के बीच आज जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 57 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं, जिनमें मंत्री श्रवण कुमार, विजय कुमार चौधरी, महेश्वर हजारी जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं।
जेडीयू के टिकट से अपना नामांकन पहले ही दाखिल कर चुके अनंत सिंह का नाम भी इस लिस्ट में है।
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने कहा कि पार्टी में जो भी निर्णय लिया जाता है, वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुमति और सहमति के बाद ही होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नीतीश कुमार एक लोकतांत्रिक नेता हैं और पार्टी में कोई अंदरूनी मतभेद नहीं है।
सीट शेयरिंग और नाराज़गी – नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच असंतोष
एनडीए के भीतर सीट बंटवारे के बाद बीजेपी और जेडीयू के बीच असंतोष देखा जा रहा था।
संजय झा ने कहा कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है और उनका लक्ष्य है नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाना।
बीजेपी और जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLP) को 6 सीटें और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को 6 सीटें दी गई हैं।
हालांकि, सीट बंटवारे को लेकर कुछ नाराज़गी थी। लेकिन जेडीयू ने तय किया कि चुनाव में सभी सीटें लोकतांत्रिक तरीके से और रणनीति के साथ लड़ी जाएँगी।
संजय झा ने यह भी कहा कि विपक्ष अब तक सीट बंटवारे पर निर्णय नहीं कर पाया और पूरा विपक्ष जनता की प्रतिक्रिया से दहशत में है।
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पहली सूची में शामिल 57 प्रत्याशी – जेडीयू ने आगे बढ़ाई रणनीति



जेडीयू की पहली सूची में शामिल 57 उम्मीदवारों में कई बड़े और अनुभवी नेता शामिल हैं, जो पार्टी के लिए चुनाव में मजबूत स्थिति बनाएंगे।
संजय झा ने बताया कि दूसरी सूची भी एक-दो दिनों में जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार 16 अक्टूबर से शुरू करेंगे। उनके प्रचार अभियान का उद्देश्य है बिहार में विकास की रफ्तार बनाए रखना, एक करोड़ युवाओं को रोजगार देना और राज्य के महत्वपूर्ण सिक्स-लेन हाइवे व अन्य प्रोजेक्ट्स को समय से पूरा करना।
जेडीयू की इस पहली सूची ने राजनीतिक हलचल को शांत किया है, और अब सभी ध्यान चुनाव प्रचार और जनता के मूड पर केंद्रित हैं।
चिराग पासवान की सीटों पर उम्मीदवार
जेडीयू ने चिराग पासवान की LJP के साथ हुए सीट शेयरिंग समझौते के बावजूद अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा।
इससे स्पष्ट है कि एनडीए के सभी दल अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने में लगे हैं और साझेदारी पूरी तरह लागू नहीं हो रही है।
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एनडीए की ताकत और विपक्ष की चिंता
संजय झा ने मीडिया से कहा:
“एनडीए का उद्देश्य बिहार के विकास को आगे बढ़ाना है। जनता डबल इंजन सरकार का लाभ देख रही है और अब पीछे मुड़ कर नहीं देखना चाहती। विपक्ष निराधार खबरें चला रहा है, लेकिन परिणाम स्पष्ट होगा।”
संजय झा ने दावा किया कि इस बार एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलने वाला है, इतना कि 2010 का रिकॉर्ड भी पीछे छूट जाएगा।
उन्होंने बताया कि विपक्ष जनता का मूड और युवाओं व महिलाओं का फीडबैक समझ चुका है, इसलिए वह नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रहा है।
इस चुनाव में जेडीयू और बीजेपी की पूरी रणनीति, सीट शेयरिंग समझौते और पहली सूची के जरिए उम्मीदवारों की घोषणा ने एनडीए को मजबूत स्थिति में ला दिया है।
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