Bihar Election 2025: 715 मतदाताओं ने किया मतदान का बहिष्कार, अंडरपास नहीं तो वोट नहीं — हरनौत के मुसहरी गांव में सन्नाटा छाया

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  • • मुसहरी गांव के 715 मतदाताओं ने किया मतदान का बहिष्कार • अंडरपास निर्माण की मांग को लेकर गांव में सन्नाटा • प्रशासन और एडीएम के समझाने पर भी लोग नहीं माने • नेशनल हाईवे-20 पर अंडरपास नहीं बनने से लोगों में आक्रोश • नालंदा में 41.46% मतदान, लेकिन बूथ संख्या 280 पर एक भी वोट नहीं

अंडरपास की मांग पर बिहार चुनाव 2025 में 715 मतदाताओं का बगावती रुख

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में जहां राज्य भर में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से जारी है, वहीं नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। डीहरी पंचायत के मुसहरी गांव में 715 मतदाताओं ने मतदान का पूर्ण बहिष्कार कर दिया। ग्रामीणों ने साफ कहा — “जब तक अंडरपास नहीं बनेगा, तब तक वोट नहीं डालेंगे।”

गुरुवार (6 नवंबर) दोपहर चार बजे तक बूथ संख्या 280 पर एक भी वोट नहीं पड़ा। यह घटना उस समय सामने आई जब पूरे राज्य में चुनावी जोश अपने चरम पर था। लेकिन मुसहरी गांव के लोगों का यह रुख सरकार और प्रशासन दोनों के लिए एक “पावरफुल सिग्नल” है कि विकास के बिना वोट अब मुश्किल है।

Bihar Election 2025: 715 मतदाताओं ने किया मतदान का बहिष्कार, अंडरपास नहीं तो वोट नहीं — हरनौत के मुसहरी गांव में सन्नाटा छाया 2

नेशनल हाईवे-20 पर अंडरपास की मांग बनी चुनावी मुद्दा

ग्रामीणों के मुताबिक, मुसहरी गांव के पास से नेशनल हाईवे-20 (फोरलेन सड़क) गुज़रती है। जब इस हाईवे का चौड़ीकरण हुआ, तो गांव के पास अंडरपास नहीं बनाया गया। नतीजा यह है कि लोगों को सड़क पार करने में भारी खतरे और परेशानी का सामना करना पड़ता है।

गांव से बाहर निकलने के लिए 3 से 4 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं के लिए यह रास्ता बेहद कठिन साबित होता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से लेकर सरकार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव तक को आवेदन दिया, लेकिन “कोई समाधान नहीं निकला।”

लोगों का दर्द साफ है — वे वोट को अपना “आखिरी हथियार” बनाकर सरकार को जवाब देना चाहते हैं।

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‘विकास नहीं तो वोट नहीं’: गांव में छाई नाराज़गी की लहर

गुरुवार को जब चुनाव अधिकारी और पुलिस टीम बूथ पर पहुंचे तो वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। गांव का आंगनबाड़ी केंद्र, जो बूथ संख्या 280 के रूप में बनाया गया था, दिनभर खाली रहा। ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन के समझाने-बुझाने के बाद भी साफ कह दिया —

“जब तक अंडरपास नहीं बनेगा, तब तक वोट नहीं देंगे।”

सूचना मिलते ही जिला प्रशासन सक्रिय हुआ। एडीएम और स्थानीय पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे, उन्होंने ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की, लेकिन लोग अपनी मांग पर डटे रहे।

यह दृश्य बिहार चुनाव 2025 के बीच एक भावनात्मक और संवेदनशील मोड़ लेकर आया, जहां जनता ने अपने अधिकारों के लिए मतदान से दूरी बनाई।

हरनौत विधानसभा में 11 प्रत्याशी, लेकिन मुद्दा विकास का

हरनौत विधानसभा क्षेत्र में इस बार 11 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुकाबला मुख्य रूप से तीन बड़े चेहरों के बीच माना जा रहा है —
• एनडीए के निवर्तमान विधायक हरिनारायण सिंह
• जन सुराज पार्टी के कमलेश पासवान
• महागठबंधन के उम्मीदवार अरुण बिंद

इन तीनों के बीच मुकाबला सियासी रूप से दिलचस्प है, लेकिन मुसहरी गांव का “अंडरपास आंदोलन” यह संकेत दे रहा है कि जनता का मूड अब मुद्दों पर केंद्रित है, न कि केवल दलों पर।

नालंदा जिले में अब तक 41.46% मतदान, पर एक गांव में सन्नाटा

पूरे नालंदा जिले में गुरुवार सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ जो शाम छह बजे तक जारी रहेगा। दोपहर एक बजे तक जिले में औसतन 41.46 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

हालांकि, मुसहरी गांव के बूथ संख्या 280 पर मतदान प्रतिशत शून्य रहा। यह विरोध प्रशासन और चुनाव आयोग दोनों के लिए गंभीर संकेत है। जहां एक ओर बिहार के बाकी हिस्सों में लोकतंत्र का उत्सव चल रहा था, वहीं इस गांव में विकास की कमी पर मौन विरोध देखने को मिला।

ग्रामीणों की आवाज़: ‘हम सड़क पार नहीं कर सकते, वोट कैसे दें?’

मुसहरी गांव के लोगों का कहना है कि वे वर्षों से इस समस्या का सामना कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया —

“गांव के बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं, बुजुर्ग सड़क पार करने में असमर्थ हैं। हादसों का डर हमेशा बना रहता है।”

सरकारी दावे और योजनाएं यहां की हकीकत से मेल नहीं खा रहीं। इसलिए लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर अपनी नाराजगी जताई है।

यह कदम सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि सरकार और नेताओं के लिए एक “सेंटिमेंटल मैसेज” है कि जनता अब सिर्फ वादों से नहीं, विकास के साक्ष्य चाहती है।

प्रशासन की कोशिशें नाकाम, ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े (H3)

सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। एडीएम ने ग्रामीणों को समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई भी व्यक्ति वोट डालने बूथ तक नहीं गया।

लोगों ने कहा कि जब तक सरकार अंडरपास निर्माण की लिखित घोषणा नहीं करती, तब तक वोट नहीं देंगे। यह घटना प्रशासन की विकास योजनाओं की असफलता को उजागर करती है।

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Bihar Election 2025 का संकेत: जनता अब जवाब मांग रही है

हरनौत की यह घटना बिहार चुनाव 2025 के लिए एक बड़ा संदेश है। यह बताती है कि अब मतदाता केवल जाति या दल नहीं, बल्कि “विकास और सुविधा” को प्राथमिकता दे रहे हैं।

मुसहरी गांव के लोगों ने अपने “वोट के अधिकार” को एक प्रोटेस्ट टूल बना दिया — शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावशाली।
यह विरोध भले ही एक गांव तक सीमित हो, लेकिन इसका असर पूरे राजनीतिक परिदृश्य पर पड़ सकता है।

‘अंडरपास’ बना चुनाव का भावनात्मक मुद्दा

मुसहरी गांव की यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सबसे संवेदनशील और भावनात्मक खबरों में से एक है।
715 मतदाताओं का एकजुट होकर वोट का बहिष्कार करना यह दिखाता है कि जनता अब अपनी जरूरतों के लिए लड़ना जानती है।

“जब तक अंडरपास नहीं बनेगा, तब तक वोट नहीं पड़ेगा” — यह नारा अब सिर्फ एक गांव की आवाज़ नहीं, बल्कि बिहार की जनता के भीतर उठ रहे “विकास के जनसंघर्ष” का प्रतीक बन चुका है।

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