पटना: दीपावली की रौशनी के बीच बिहार की सियासत में भी धमाका हुआ है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोमवार को 143 विधानसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इस सूची ने कई राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया। जहां नए चेहरों को मौका मिला, वहीं पुराने और अनुभवी नेताओं को टिकट से वंचित कर दिया गया।
दीपावली पर ‘कैंडिडेट बम’ – 143 सीटों पर RJD की बड़ी घोषणा




राजद की इस घोषणा को बिहार चुनाव का पहला बड़ा सियासी धमाका कहा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने इस सूची को संगठन के व्यापक विचार-विमर्श और सर्वे रिपोर्ट के बाद अंतिम रूप दिया।
सीतामढ़ी जिले की दो प्रमुख सीटों – रुन्नीसैदपुर और परिहार – पर नए चेहरों को उतारकर पार्टी ने यह दिखा दिया कि इस बार वह जमीनी नेताओं पर भरोसा कर रही है।
पटना जिले की मोकामा सीट से पार्टी ने वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया है। उनका सीधा मुकाबला एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह से होगा, जिससे यह सीट बिहार चुनाव की हॉट सीट बन गई है।
इसके अलावा, दानापुर से रीतलाल यादव, बख्तियारपुर से अनिरुद्ध यादव, बांकीपुर से रेखा गुप्ता, और मसौढ़ी से रेखा पासवान को टिकट दिया गया है। ये सभी नाम पार्टी के अंदरूनी समीकरणों और जातीय संतुलन को दर्शाते हैं।
सीतामढ़ी में बदलाव की बयार – नए चेहरों को टिकट, पुराने दावेदार बाहर
इस बार राजद ने सीतामढ़ी की राजनीति में बड़ा बदलाव किया है।
रुन्नीसैदपुर विधानसभा सीट (नंबर 29) से पार्टी ने प्रखंड प्रमुख चंदन यादव पर भरोसा जताया है। उन्होंने हाल के वर्षों में संगठन में सक्रिय भूमिका निभाई है और जमीनी पकड़ मजबूत की है। पार्टी ने पूर्व विधायक मंगीता देवी सहित कई पुराने दावेदारों को दरकिनार किया।
वहीं, परिहार विधानसभा सीट (नंबर 25) से इस बार पार्टी ने डॉ. स्मिता पूर्वे को उम्मीदवार बनाया है। वे पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे की बहू हैं और लंबे समय से सामाजिक कार्यों से जुड़ी रही हैं।
पिछली बार यहां से राजद महिला सेल की प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल ने चुनाव लड़ा था और रनर-अप रही थीं, लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
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पुराने नेताओं को झटका, भरोसा नए और सक्रिय चेहरों पर
RJD candidates list 2025 के जारी होते ही कई पुराने नेताओं को झटका लगा।
सुरसंड के विधायक दिलीप राय, जो कुछ महीनों पहले जदयू से राजद में आए थे, उन्हें भी टिकट नहीं मिला। उन्होंने रुन्नीसैदपुर से चुनावी तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन पार्टी ने अंततः उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया।
वहीं, सीतामढ़ी विधानसभा सीट (नंबर 28) से सुनील कुमार कुशवाहा और सुरसंड विधानसभा सीट (नंबर 26) से अबु दोजाना को दोबारा मौका मिला है। दोनों पिछली बार रनर-अप रहे थे। पार्टी ने उनके पिछले प्रदर्शन को देखते हुए उन पर फिर भरोसा जताया है।
टिकट वितरण में संगठन पर भरोसा, युवाओं को प्राथमिकता
राजद की इस सूची से साफ संकेत मिलता है कि पार्टी अब संगठन और युवाओं पर दांव खेल रही है। कई सीटों पर नई पीढ़ी के नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं को मौका देकर तेजस्वी यादव ने यह संदेश दिया है कि RJD अब सिर्फ पुराने चेहरों पर निर्भर नहीं है।
सीतामढ़ी, पटना और सीमांचल क्षेत्र में किए गए बदलाव से यह भी स्पष्ट है कि पार्टी संगठन की रिपोर्ट और स्थानीय कार्यकर्ताओं की सिफारिशों को अहमियत दे रही है।
चुनावी रणनीति में बदलाव – हर सीट पर नयापन
राजद की 143 सीटों की यह सूची सिर्फ नामों की घोषणा नहीं, बल्कि एक राजनीतिक रणनीति का ब्लूप्रिंट है।
हर क्षेत्र में स्थानीय मुद्दों और जातीय समीकरणों को देखते हुए उम्मीदवार तय किए गए हैं। इस वजह से पार्टी की इस लिस्ट को “कैंडिडेट बम” कहा जा रहा है, जिसने विपक्ष के खेमे में हलचल मचा दी है।
नतीजों से पहले ही चुनावी जोश चरम पर
इस घोषणा के बाद राजद कार्यकर्ताओं में जबरदस्त जोश देखने को मिला।
दीपावली के मौके पर पार्टी कार्यालय में उत्सव जैसा माहौल रहा। वहीं, जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, उनमें असंतोष भी साफ दिखाई दिया।
लेकिन तेजस्वी यादव ने अपने फैसले से यह साफ कर दिया है कि 2025 का यह चुनाव नए नेतृत्व, नई सोच और नई दिशा का प्रतीक होगा।
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RJD candidates list 2025 से बदले बिहार की सियासत के समीकरण
RJD candidates list 2025 ने बिहार की राजनीति में नई हलचल मचा दी है।
143 उम्मीदवारों की यह सूची न सिर्फ चुनावी रणनीति बल्कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी के नए विजन की झलक भी है।
सीतामढ़ी से लेकर पटना तक, हर जिले में पार्टी ने संदेश दिया है कि अब जीत सिर्फ चेहरे से नहीं, बल्कि मेहनत और संगठन से तय होगी।
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