बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण संपन्न, 64.46% वोटिंग ने बनाया नया इतिहास
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान गुरुवार को संपन्न हो गया। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पहले चरण में 64.46% मतदान दर्ज किया गया है। यह पिछले 25 वर्षों में सबसे ऊँचा मतदान प्रतिशत है।
गुंजियाल ने कहा कि यह बिहार के लोकतांत्रिक इतिहास का एक “पॉजिटिव रिकॉर्ड” है, जो राज्य के मतदाताओं की बढ़ती जागरूकता और लोकतंत्र के प्रति उनके सकारात्मक भाव को दर्शाता है।
60 प्रतिशत से अधिक मतदान: 25 साल बाद बिहार में टूटा पुराना रिकॉर्ड



बिहार में इससे पहले केवल तीन बार (साल 1990, 1995 और 2000 में) ही मतदान का प्रतिशत 60% के पार गया था। लेकिन इस बार के चुनाव ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि यह उत्साहजनक संकेत है कि जनता ने लोकतंत्र को सशक्त करने की दिशा में बड़ी भूमिका निभाई है। इस बार महिलाओं और युवाओं की भागीदारी ने मतदान के इस उच्च स्तर में अहम योगदान दिया।
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सुबह से शाम तक वोटिंग में दिखा जोश और जनभागीदारी
गुरुवार सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चला। पहले चरण में 121 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग हुई।
सुबह के समय मतदान की रफ्तार थोड़ी धीमी रही, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही मतदान केंद्रों पर भीड़ बढ़ती गई। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की लंबी कतारें और युवाओं का उत्साह देखने लायक था।
घंटेवार मतदान प्रतिशत में दिलचस्प उतार-चढ़ाव
चुनाव आयोग द्वारा जारी डाटा के अनुसार, सुबह 11 बजे तक मतदान प्रतिशत 27.65% पहुंच गया था।
• इस दौरान बेगूसराय जिले ने सबसे अधिक 30.37% वोटिंग दर्ज की, जबकि पटना जिले में सबसे कम 23.71% मतदान हुआ।
• दोपहर 1 बजे तक यह आंकड़ा 42.31% पर पहुंच गया।
इसमें गोपालगंज ने सर्वाधिक 46.73% मतदान दर्ज किया, जबकि पटना का प्रतिशत 37.72% रहा।
• 3 बजे तक मतदान 53.77% पर पहुंच गया, जहां बेगूसराय ने फिर बाजी मारी और 59.82% वोटिंग दर्ज की। पटना में इस वक्त तक केवल 48.69% मतदान हुआ था।
• शाम 5 बजे तक कुल मतदान 60.18% दर्ज किया गया, जिसमें बेगूसराय जिले ने 67.32% के साथ सबसे ऊपर और शेखपुरा ने 52.36% के साथ सबसे नीचे स्थान पाया।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि बेगूसराय ने पहले चरण के मतदान में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि पटना और शेखपुरा में अपेक्षाकृत कम मतदान हुआ।
45,341 मतदान केंद्रों पर हुई वोटिंग, सुरक्षा और तकनीकी प्रबंधन सख्त
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि पहले चरण के लिए कुल 45,341 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
इनमें से 8,608 केंद्र शहरी क्षेत्रों में और 36,733 केंद्र ग्रामीण इलाकों में स्थित थे। सभी मतदान केंद्रों पर EVM और VVPAT मशीनों का प्रयोग किया गया।
गुंजियाल ने बताया कि मतदान के दौरान कुछ तकनीकी गड़बड़ियाँ भी सामने आईं —
• 385 बैलेट यूनिट,
• 421 कंट्रोल यूनिट, और
• 847 VVPAT मशीनें बदली गईं।
इसके अलावा मॉक पोल के दौरान भी
• 165 बैलेट यूनिट,
• 159 कंट्रोल यूनिट, और
• 480 VVPAT मशीनें बदली गईं।
हालाँकि इन तकनीकी चुनौतियों के बावजूद मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रही।
कुछ केंद्रों का डाटा शेष, अंतिम आंकड़े जल्द होंगे जारी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि कुछ मतदान केंद्रों से आंकड़े अभी प्राप्त नहीं हुए हैं, इसलिए फाइनल रिपोर्ट बाद में जारी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इस बार की वोटिंग प्रक्रिया से बेहद संतुष्ट है और मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी को “लोकतंत्र की सच्ची जीत” बताया।
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महिलाओं और युवाओं की भागीदारी से लोकतंत्र हुआ और सशक्त
पहले चरण की वोटिंग में महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखने को मिली। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान किया, जो राजनीतिक जागरूकता और सामाजिक सशक्तिकरण का संकेत है।
साथ ही, बड़ी संख्या में पहली बार वोट डालने वाले युवाओं ने भी इस लोकतांत्रिक पर्व में हिस्सा लिया। यह रुझान बताता है कि बिहार की नई पीढ़ी अब अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी को गंभीरता से समझने लगी है।
लोकतंत्र की जीत और बिहार की नई उम्मीदें
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 64.46% मतदान सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि बिहार की राजनीतिक परिपक्वता और लोकतांत्रिक चेतना का प्रतीक है।
यह उच्च मतदान दर इस बात का संकेत है कि बिहार की जनता अब बदलाव की ताकत बन चुकी है और अपने भविष्य को लेकर पहले से कहीं ज्यादा सकारात्मक, सजग और आत्मविश्वासी है।
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