बिहार न्यूज़: दानापुर में चिराग पासवान के नेता अभिनव कुमार पर जानलेवा हमला, आरोप राजद नेताओं पर

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  • • दानापुर में चिराग पासवान के नेता अभिनव कुमार पर हमला • आरोप राजद से जुड़े उदय और उमेश पर • हमला बंदूक की बट से किया गया • अभिनव कुमार को PMCH रेफर किया गया, स्थिति नाजुक • पुलिस ने FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू की • बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी तनाव बढ़ा • एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर • चुनावी माहौल में सुरक्षा और सियासी टकराव की चेतावनी

बिहार के पटना जिले के दानापुर से बड़ी खबर सामने आ रही है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कला संस्कृति विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष, इंजीनियर अभिनव कुमार पर गुरुवार रात जानलेवा हमला किया गया। आरोप है कि इस हमले के पीछे राजद से जुड़े दबंग नेताओं का हाथ है।

सूत्रों के अनुसार, अभिनव कुमार और राजद से जुड़े उदय और उमेश के बीच पिछले कई दिनों से तनातनी चल रही थी। गुरुवार रात दानापुर के रैंबो क्लब दुर्गा पूजा पंडाल में दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई। इसके बाद, जब अभिनव कुमार पंडाल के बगल में स्थित आमंत्रण हाल में बैठे थे, तो आरोप है कि उदय और उमेश के परिवार के लोग वहां पहुंचे और अचानक उन पर हमला कर दिया। हमलावरों ने उन्हें बंदूक की बट से गंभीर रूप से घायल कर दिया।

अभिनव कुमार को सबसे पहले स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें पीएमसीएच (Patna Medical College & Hospital) रेफर कर दिया गया। फिलहाल उनकी स्थिति नाजुक बताई जा रही है और इलाज जारी है।

पुलिस की कार्रवाई और मामले की जांच

पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

सियासी पृष्ठभूमि और चुनावी माहौल

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रदेश भर में सियासी हलचल तेज है। नेताओं का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। ऐसे में नेताओं के बीच तनाव और खींचतान भी बढ़ रही है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि चुनावी माहौल में ऐसे घटनाक्रम राजनीतिक तनाव को और बढ़ाते हैं।

घटना का प्रभाव और प्रतिक्रिया

चिराग पासवान के नेता पर हमला होने से पार्टी और स्थानीय स्तर पर हलचल बढ़ गई है। जनता और पार्टी कार्यकर्ता इस घटना को गंभीर मान रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि यह घटना चुनावी सुरक्षा और सियासी टकराव की गंभीर चेतावनी है।

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