Bihar Politics RJD Leadership Crisis: चुनावी हार के बाद आरजेडी में उथल-पुथल तेज़
बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद राजद के अंदर राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। पार्टी के भीतर समीक्षा का दौर न सिर्फ औपचारिक प्रक्रिया साबित हो रहा है, बल्कि अब यह अनुशासन और नेतृत्व क्षमता की असली परीक्षा बन चुका है।
समीक्षा बैठकों में बग़ियों की सूची तैयार कर ली गई है और पार्टी के सूत्रों के अनुसार दर्जनों नेताओं पर कार्रवाई होना लगभग तय माना जा रहा है। यह साफ संकेत है कि इस बार कार्रवाई प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि संगठन की सफ़ाई का बड़ा अभियान होगी।
- Bihar Politics RJD Leadership Crisis: चुनावी हार के बाद आरजेडी में उथल-पुथल तेज़
- Bihar Politics RJD Leadership Crisis: कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी यादव की नेतृत्व शैली पर उठाए सवाल
- Bihar Politics RJD Leadership Crisis: ‘A to Z’ वाली तेजस्वी की राजनीतिक रणनीति पर भी सवाल
- Bihar Politics RJD Leadership Crisis: गरीब कार्यकर्ताओं की लड़ाई—“हम चुनाव कैसे लड़ें?”
- Bihar Politics RJD Leadership Crisis: पटना में संगठन की कमजोरी को बताया बड़ी हार की वजह
- Bihar Politics RJD Leadership Crisis: बैठक बनी आत्ममंथन नहीं, कार्रवाई का मंच
Bihar Politics RJD Leadership Crisis: कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी यादव की नेतृत्व शैली पर उठाए सवाल
पटना प्रमंडल की समीक्षा बैठक के अंतिम दिन, जिला अध्यक्षों, प्रधान महासचिवों, पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों ने खुले तौर पर अपनी बातें रखीं।
कई कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि —
“तेजस्वी यादव को अपने दरवाज़े और दिल दोनों संगठन के लिए खोलने होंगे।”
उनका आरोप था कि चुनाव से पहले और बाद में शीर्ष नेतृत्व से संवाद लगभग असंभव हो गया था। पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी तब ही मज़बूत होगी जब तेजस्वी उनके अनुभव और सुझावों को गंभीरता से सुनेंगे और उन्हें संगठन में प्राथमिकता देंगे।
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Bihar Politics RJD Leadership Crisis: ‘A to Z’ वाली तेजस्वी की राजनीतिक रणनीति पर भी सवाल

बैठक में तेजस्वी यादव द्वारा प्रस्तुत की गई A to Z वाली राजनीतिक परिकल्पना पर भी कठोर सवाल उठे।
कई नेताओं ने दावा किया कि—
• 90% बहुसंख्यक सामाजिक आधार को साधे बिना
• अतिपिछड़ों और अल्पसंख्यकों के दुख-सुख में साझेदारी किए बिना
पार्टी मज़बूत नहीं हो सकती।
कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जातीय हिंसा को बढ़ावा देने वाले गानों का चलना, पार्टी की हार की बड़ी वजह बना। इससे आरजेडी की सार्वजनिक छवि पर नकारात्मक असर पड़ा।
Bihar Politics RJD Leadership Crisis: गरीब कार्यकर्ताओं की लड़ाई—“हम चुनाव कैसे लड़ें?”
समीक्षा बैठक में एक बड़ा सवाल यह भी उठा कि —
गरीब और जमीनी कार्यकर्ता आखिर चुनाव कैसे लड़ें?
कार्यकर्ताओं ने पूछा कि क्या पार्टी अपने संसाधनों से कम से कम दस गरीब उम्मीदवारों को चुनाव लड़वा सकती है?
यह सवाल संगठन की आर्थिक प्रतिबद्धता पर सीधा सवाल था और गरीब कार्यकर्ताओं के संघर्ष को उजागर करता है।
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Bihar Politics RJD Leadership Crisis: पटना में संगठन की कमजोरी को बताया बड़ी हार की वजह
कई नेताओं ने कहा कि राजधानी पटना में संगठन बेहद कमजोर रहा, जबकि सबसे बड़ी राजनीतिक लड़ाइयां यहीं लड़ी जाती हैं।
नेताओं ने आरोप लगाया कि—
• पटना में संगठन को मज़बूत करने की कोई पहल नहीं हुई।
• हरियाणा के लोगों की पार्टी में बढ़ती सक्रियता ने संतुलन बिगाड़ दिया।
यह इशारा पार्टी के आंतरिक प्रबंधन और बाहरी हस्तक्षेप की ओर था।
Bihar Politics RJD Leadership Crisis: बैठक बनी आत्ममंथन नहीं, कार्रवाई का मंच
कुल मिलाकर, आरजेडी की यह बैठक सिर्फ आत्ममंथन का मंच नहीं रही बल्कि कठोर कार्रवाई का आधार बनी।
संदेश साफ है—
या तो अनुशासन कायम होगा, या संगठन बिखरेगा।
लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर उठ रहे सवाल पार्टी के भीतर बड़े बदलाव का संकेत दे रहे हैं।
आरजेडी अब उस मोड़ पर खड़ी है, जहां उसे अपने भविष्य के लिए बड़ा फैसला और तेज कदम उठाने ही होंगे।
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