Bihar Politics: जनसंवाद में फूटा मंत्री विजय कुमार सिन्हा का गुस्सा, महादलित महिला के जमीन विवाद पर सीओ-ADM को जमकर लगाई फटकार

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पूर्णिया में जनसंवाद के दौरान जमीन विवाद पर नाराज होते मंत्री विजय कुमार सिन्हा
Highlights
  • • पूर्णिया के बायसी से महादलित महिला का जमीन विवाद सामने आया • सीओ और एडीएम पर शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करने का आरोप • जनसंवाद में मंत्री विजय कुमार सिन्हा का फूटा गुस्सा • बंदोबस्त की जमीन बेचने को बताया नियम के खिलाफ • कोर्ट और कमिश्नर के आदेश की अवहेलना पर मंत्री सख्त • सीओ से मौके पर ही जवाब तलब, संतोषजनक उत्तर नहीं मिला • “क्या आप लोग कोर्ट से ऊपर हैं?”— मंत्री का तीखा सवाल • अधिकारियों को ट्रेनिंग देने और लापरवाही पर कार्रवाई के निर्देश

बिहार के पूर्णिया जिले से जमीन विवाद का एक गंभीर मामला सामने आने के बाद सरकार का सख्त रुख खुलकर दिखा। बायसी प्रखंड की एक महादलित महिला की शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जनसंवाद कार्यक्रम में खुले मंच से जमकर फटकार लगाई। मंत्री के तीखे तेवर देखकर मौके पर मौजूद अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब पूर्णिया में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान पीड़िता ने खुद मंत्री के सामने अपनी बात रखी और प्रशासनिक लापरवाही की परतें खोल दीं।

Bihar Politics: जनसंवाद में उठा महादलित महिला का दर्द

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा पूर्णिया में जनसंवाद कार्यक्रम के तहत आम लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान बायसी प्रखंड से पहुंची एक महादलित महिला ने जमीन विवाद को लेकर अपनी पीड़ा रखी। महिला ने बताया कि संबंधित जमीन उसके पिता की है, लेकिन उसमें अवैध रूप से गड़बड़ी की जा रही है।

पीड़िता का आरोप था कि उसने इस मामले की शिकायत अंचलाधिकारी (CO) और अपर जिला पदाधिकारी (ADM) से की, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

Bihar Politics: प्रशासनिक आदेश के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं?

Bihar Politics: जनसंवाद में फूटा मंत्री विजय कुमार सिन्हा का गुस्सा, महादलित महिला के जमीन विवाद पर सीओ-ADM को जमकर लगाई फटकार 1

महिला ने मंत्री को यह भी बताया कि इस जमीन विवाद में डीसीएलआर (डिप्टी कलेक्टर लैंड रिफॉर्म्स) को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी। इतना ही नहीं, प्रमंडलीय आयुक्त (कमिश्नर) का स्पष्ट आदेश भी मौजूद है। बावजूद इसके, स्थानीय स्तर पर अधिकारी कार्रवाई करने से बचते रहे।

महादलित महिला का यह आरोप सुनते ही मंत्री विजय कुमार सिन्हा का रुख सख्त हो गया।

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Bihar Politics: बंदोबस्त की जमीन पर मंत्री की दो-टूक

मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने साफ शब्दों में कहा कि बंदोबस्त की जमीन को बेचना पूरी तरह नियम के खिलाफ है। यदि इस तरह का कोई भी अवैध लेन-देन हुआ है, तो वह स्वतः ही निरस्त माना जाएगा।

उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि नियमों की अनदेखी और मनमानी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि गरीब, महादलित और कमजोर वर्ग के लोगों के साथ किसी भी तरह का अन्याय सरकार सहन नहीं करेगी।

Bihar Politics: कोर्ट के आदेश पर भी नहीं हुई कार्रवाई

इसी जनसंवाद के दौरान एक और जमीन विवाद का मामला सामने आया, जिसमें टाइटल सूट का आदेश पहले ही हो चुका है। इस केस में न सिर्फ एडीएम बल्कि कोर्ट का भी स्पष्ट निर्देश मौजूद है।

इसके बावजूद जब कार्रवाई नहीं होने की बात सामने आई, तो मंत्री और ज्यादा नाराज हो गए। उन्होंने मौके पर ही संबंधित सीओ से सवाल किया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी जांच किस आधार पर रोकी जा रही है।

सीओ इस सवाल पर असहज नजर आए और कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

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Bihar Politics: “क्या आप लोग कोर्ट से ऊपर हैं?”

सीओ की चुप्पी के बाद मौके पर मौजूद एक सीनियर अधिकारी ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा—
“जब कोर्ट का आदेश मौजूद है, तो फिर अधिकारी किस तरह की जांच करना चाहते हैं? क्या इसके लिए कोई गुप्तचर लगाएंगे?”

इस टिप्पणी के बाद मंत्री विजय कुमार सिन्हा और भी आक्रामक हो गए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा—
“मतलब आप लोग कोर्ट से ऊपर हैं क्या? यह क्या तमाशा चल रहा है?”

मंत्री के इस बयान के बाद कार्यक्रम स्थल पर मौजूद अधिकारियों में खलबली मच गई।

Bihar Politics: अधिकारियों को ट्रेनिंग और कार्रवाई की चेतावनी

मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अंत में स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी अंचलाधिकारियों (CO) को विधिवत ट्रेनिंग दी जाए, ताकि उन्हें कानून, नियम और अदालती आदेशों की सही समझ हो।

उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े मामलों में आम जनता को बार-बार कार्यालयों के चक्कर कटवाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। खासकर जब मामला महादलित और कमजोर वर्ग से जुड़ा हो, तो प्रशासन की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।

मंत्री ने चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोहराई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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