Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: नामांकन के तुरंत बाद RJD प्रत्याशी सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी ने मचाई सनसनी

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सासाराम से RJD प्रत्याशी सत्येंद्र साह को नामांकन के बाद झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया।
Highlights
  • • RJD प्रत्याशी सत्येंद्र साह नामांकन के तुरंत बाद गिरफ्तार • झारखंड पुलिस ने 2004 की बैंक लूट केस में की कार्रवाई • 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज, 2018 में जारी हुआ था वारंट • INDIA गठबंधन के तीन प्रत्याशी अब तक गिरफ्तार • भाकपा-माले लिबरेशन ने कहा — गिरफ्तारी राजनीतिक रूप से प्रेरित • बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में: 6 और 11 नवंबर को मतदान • सासाराम सीट पर RJD को बड़ा झटका, राजनीतिक समीकरण बदला

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल जैसे-जैसे गर्म हो रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक गलियारों में हलचलें भी तेज़ होती जा रही हैं। इसी बीच एक बड़ा मामला सामने आया है जिसने पूरे चुनावी माहौल को हिला दिया। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी सत्येंद्र साह को नामांकन दाखिल करने के कुछ ही मिनटों बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

यह घटना सोमवार की है, जब सत्येंद्र साह सासाराम विधानसभा सीट से नामांकन भरने के लिए पहुंचे थे। वहां मौजूद लोगों के अनुसार, जैसे ही उन्होंने नामांकन प्रक्रिया पूरी की, झारखंड पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि सत्येंद्र साह के खिलाफ झारखंड में एक गैर-जमानती वारंट लंबित था, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई।

झारखंड पुलिस ने 2004 की बैंक डकैती के मामले में की गिरफ्तारी

झारखंड पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह गिरफ्तारी किसी राजनीतिक दबाव में नहीं बल्कि कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है।
गढ़वा जिले के चिरौंजिया मोड़ पर 2004 में बैंक लूट के एक पुराने मामले में सत्येंद्र साह आरोपी बताए गए हैं।

गढ़वा सदर थाना के प्रभारी अधिकारी सुनील तिवारी ने बताया —

“सत्येंद्र साह के खिलाफ 2018 में एक स्थायी वारंट जारी किया गया था। पुलिस रिकॉर्ड में उनके खिलाफ लूट, डकैती और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन से जुड़े 20 से अधिक मामले दर्ज हैं।”

झारखंड पुलिस की यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई जब बिहार में चुनावी गतिविधियां चरम पर हैं। सासाराम सीट से सत्येंद्र साह को आरजेडी ने उम्मीदवार बनाया था, और उनका नामांकन दाखिल करना पार्टी के लिए एक अहम कदम माना जा रहा था। लेकिन गिरफ्तारी की खबर फैलते ही समर्थक हैरान और आक्रोशित हो गए।

INDIA गठबंधन के प्रत्याशियों की तीसरी गिरफ्तारी

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: नामांकन के तुरंत बाद RJD प्रत्याशी सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी ने मचाई सनसनी 1

सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी से पहले भी INDIA गठबंधन (महागठबंधन) के दो उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
1️⃣ भोरे सीट से भाकपा (माले) लिबरेशन के जितेंद्र पासवान
2️⃣ दरौली सीट से सत्यदेव राम

दोनों उम्मीदवारों को भी नामांकन दाखिल करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

भाकपा (माले) लिबरेशन ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की थी और एक बयान जारी कर कहा था —

“हम कॉमरेड जितेंद्र पासवान और कॉमरेड सत्यदेव राम की राजनीतिक रूप से प्रेरित गिरफ्तारियों की निंदा करते हैं। उन्हें नामांकन केंद्र के बाहर झूठे और बेबुनियाद आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया। यह एनडीए के नेताओं के भीतर फैले भय और घबराहट को उजागर करता है।”

अब RJD प्रत्याशी की गिरफ्तारी के बाद इस विवाद ने और भी राजनीतिक रंग ले लिया है। विपक्षी दल इस घटना को लेकर सत्ता पक्ष पर हमलावर हो सकते हैं, जबकि प्रशासन इसे कानूनी प्रक्रिया बता रहा है।

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बिहार चुनाव 2025 की तारीखें और चुनावी परिदृश्य

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में हो रहे हैं:
• पहला चरण – 6 नवंबर 2025: कुल 121 सीटों पर मतदान
• दूसरा चरण – 11 नवंबर 2025: शेष 122 सीटों पर मतदान
• नतीजे – 14 नवंबर 2025

नामांकन की प्रक्रिया दोनों चरणों के लिए पूरी हो चुकी है, और सभी उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार में जुट गए हैं। लेकिन लगातार हो रही गिरफ्तारियों ने महागठबंधन के अंदर बेचैनी बढ़ा दी है।

सासाराम सीट पर बदल गया समीकरण

सासाराम, रोहतास जिले की एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली सीट मानी जाती है। यहां RJD की उम्मीदें सत्येंद्र साह के नामांकन से जुड़ी थीं। मगर गिरफ्तारी के बाद अब चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।

स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि

“सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी से आरजेडी का सासाराम में चुनावी अभियान प्रभावित हो सकता है। वहीं, विपक्षी दल इस घटनाक्रम को अपने पक्ष में प्रचारित कर सकते हैं।”

हालांकि, अभी तक आरजेडी या INDIA गठबंधन की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल

लगातार तीन उम्मीदवारों की गिरफ्तारी के बाद अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या प्रशासन चुनावी निष्पक्षता बनाए रख पा रहा है या नहीं।
भाकपा (माले) लिबरेशन पहले ही अपने बयान में कह चुकी है कि ये गिरफ्तारियां “राजनीतिक रूप से प्रेरित” हैं।

वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी कार्रवाई न्यायिक वारंट और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार की गई है।
इन घटनाओं के बाद अब निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हैं कि वह इस पर क्या रुख अपनाता है।

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नतीजों से पहले गरमाती सियासत

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का हर चरण अब अधिक संवेदनशील और विवादास्पद होता जा रहा है।
जहां एक ओर उम्मीदवार प्रचार में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी ओर गिरफ्तारियां और आरोप-प्रत्यारोप राजनीतिक बहस को और तेज़ कर रहे हैं।

सासाराम से लेकर भोरे और दरौली तक, INDIA गठबंधन के तीन प्रत्याशियों की गिरफ्तारी ने इस चुनाव को एक नए ड्रामा और रहस्य से भर दिया है।
अब देखना यह होगा कि क्या ये घटनाएं जनता की सोच और वोटिंग पैटर्न को प्रभावित करेंगी या नहीं।

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