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Desk: भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार के साथ बिहार में पहले से सरकार चलाती आ रही है. साल 2005 से लेकर 2021 तक के सफर में ऐसा पहली बार हो रहा है कि एनडीए की कैबिनेट के अंदर बीजेपी और जेडीयू दोनों अपने-अपने कोर्ट से से एक एक मुस्लिम मंत्री बना रहे हैं.

बीजेपी कोटे से शाहनवाज हुसैन कैबिनेट में आज शामिल होंगे तो वहीं जेडीयू बहुजन समाज पार्टी छोड़कर आने वाले जमा खान को मंत्री बनाने जा रही है. हालांकि इस बात के संकेत तो उसी वक्त मिल गए थे जब बीजेपी ने शाहनवाज हुसैन को केंद्रीय राजनीति से बिहार मे लाकर एमएलसी बनाया था. उसी वक्त ही मान लिया गया था कि शाहनवाज हुसैन नीतीश कैबिनेट में शामिल होंगे. जनता दल यूनाइटेड ने जब जमा खान को बीएसपी से अपनी पार्टी में शामिल कराया तब भी यह माना गया कि शायद उन्हें मंत्री बना दिया जाए और अब दोनों ही चेहरे कैबिनेट में नजर आएंगे.

पहली बार बीजेपी ने बिहार की सरकार में अपने कोटे से किसी मुस्लिम को मंत्री बनाने का फैसला किया है. इसे बीजेपी का सीमांचल को लेकर बड़ा दांव माना जा रहा है. साथ ही साथ भारतीय जनता पार्टी बिहार में मुस्लिम वोटरों को यह मैसेज देने की भी कोशिश करेगी कि उसे किसी से परहेज नहीं. शाहनवाज हुसैन को उनके कद के मुताबिक बिहार कैबिनेट में कोई बड़ा मंत्रालय दिया जा सकता है, लेकिन जनता दल यूनाइटेड भी जमा खान को कोई महत्वपूर्ण भूमिका दे सकती है. उम्मीद की जा रही है कि जमा खान को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का कामकाज संभाल सकते हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा शपथ ग्रहण के बाद आज शाम होने वाली मीटिंग में कैबिनेट की अहम बैठक के बाद ही हो पाएगी. अब देखना होगा कि कैबिनेट में शाहनवाज हुसैन का पद बड़ा रहता है या फिर जमा खान का.

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