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Desk: नीतीश कैबिनेट में जिन नए चेहरों को शामिल किया गया है उनमें बहुजन समाज पार्टी छोड़कर आने वाले मोहम्मद जमा खान को जेडीयू ने अपने कोटे से मंत्री बनाया है. मोहम्मद जमा खान चैनपुर विधानसभा सीट से चुनकर आए हैं और जेडीयू के नजदीक आने के बाद यह संकेत मिल गए थे कि वह मंत्री पद के ऑफर के साथ जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लेंगे.

हालांकि मोहम्मद जमा खान को लेकर जो जानकारी सामने आई है वह चौंकाने वाली है. कैबिनेट में दागियों के शामिल होने पर नीतीश कुमार खुद बेहद गंभीर रहे हैं. कैबिनेट में स्वच्छ छवि वाले चेहरों को ही शामिल करने की परंपरा उन्होंने बरकरार रखी है, लेकिन मोहम्मद जमा खान के ऊपर कई अपराधिक मामले दर्ज हैं. कई मामलों में कोर्ट ने उनके खिलाफ संज्ञान में ले रखा है. खुद विधानसभा चुनाव में जमा खान की तरफ से जो शपथ पत्र दिया गया है उसके मुताबिक उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 324, 307 के तहत मामले दर्ज हैं. हत्या की कोशिश जैसा 307 का गंभीर मुकदमा उनके ऊपर है और साथ ही साथ आर्म्स एक्ट के मामले में उनके खिलाफ संज्ञान भी लिया जा चुका है. जमा खान खुद अपनी एफिडेविट में इसकी चर्चा की है.

मोहम्मद जमा खान के खिलाफ चैनपुर थाने में साल 2005 में एक केस दर्ज है. सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के इस मामले में न्यायालय ने संज्ञान ले लिया है, इसके अलावा भगवा थाने में साल 2004 में आईपीसी की धारा 323, 504 के तहत केस दर्ज है. इसमें भी न्यायालय ने संज्ञान लिया है. दुर्गावती थाने में 2005 में एक केस और अन्य मामले दर्ज हैं. सबसे गंभीर आरोप आर्म्स एक्ट और आईपीसी की धारा 307 के तहत दर्ज मामले हैं. ऐसे में नितीश कुमार आगे कैसे जमा खान को कैबिनेट में बनाए रखेंगे यह देखना दिलचस्प होगा. विपक्ष इसे मुद्दा बना सकता है. आपको बता दें कि नवंबर में जब नीतीश सरकार का शपथ ग्रहण हुआ था उसके बाद दागी छवि वाले मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ा था.

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