पटना, संवाददाता।
जल्द ही आपकों बिहार पुलिस का बदला हुआ रूप दिखाई देगा। पुलिस थानों में न तो आपको फाइल का अंबार नजर नहीं आएगा और न की बही खाता तैयार करते पुलिसकर्मी नजर आएंगे। आने वाले दिनों में बिहार पुलिस का सारा काम मोबाइल, लैपटॉप और ऐप के जरिए होता नजर आने वाला है।
एडीजी (आधुनिकीकरण) सुधांशु कुमार ने बताया कि बिहार पुलिस भी खुद को अपग्रेड कर रही है। सुधांशु कुमार ने कहा आने वाले दिनों पुलिस के रजिस्टर, मैनुअल, फाइलों का आदान-प्रदान कागजी तौर पर नहीं होगा। ये सभी फाइल डिजिलट तैयार की जाएंगी। उन्होंने बताया कि पुलिस के इस अपग्रेडेशन से केस के दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी सुरक्षित रखना आसान होगा साथ ही डिजिटल साक्ष्य के आधार पर केस का निपटारा भी आसान हो जाएगा। इन डिजिटल साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ की गुंजाइश खत्म हो जाएगी और कामकाज ज्यादा तेज़ होगा।
एडीजी कुमार ने बताया कि बिहार पुलिस महकमे का हर काम मोबाइल ऐप के जरिए और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर होगा। इसके लिए ऐप तैयार किए जा रहे हैं। सर्वर की व्यवस्था की जा रही है। पुलिस के आधुनिकिकरण और अपग्रेडेशन के लिए आईजी (आधुनिकीकरण) पी. कनन की अध्यक्षता में एक विशेष कमेटी बनाई गई थी। जो हाल ही में तेलंगाना और कर्नाटक के पुलिस सिस्टम का अध्ययन करके लौटी है। अब पुलिस के अपग्रेडेशन का काम तेजी से शुरू हो गया है।
जल्द ही बिहार पुलिस हाथ में लैपटॉप और आईपैड लिए नजर आएगी। डॉक्यूमेंटेशन के लिए सॉफ्ट कॉपी काफी होगी और पुलिस वायरलेस के साथ कैमरा और वाईफाई से लैस होगी! एफआइआर ऑन लाइन लिखी जाएगी। साथ ही वीडियो रिकॉर्डिंग भी हो रही होगी। ये सब एक सर्वर में सेव हो रहे होंगे। थाने ऑन लाइन होंगे और जहां पुलिस खड़ी होगी वहीं पूरा पुलिस मुख्यालय मौजूद होगा।