आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के लिए इन दिनों कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। पहले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार हुई और बेटे तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए और अब सजायाफ्ता लालू की तरफ से जेल कस्टडी में रहते हुए बीजेपी विधायक को फोन लगाए जाने के मामले में उनकी परेशानी बढ़ी हुई है। मुसीबतों से घिरे लालू के लिए आज का दिन बेहद खास है। लालू यादव से जुड़े चारा घोटाला मामले में आज उनकी जमानत पर सुनवाई होनी है। लालू को अगर जमानत मिली तो वह जेल से बाहर आ सकते हैं लेकिन सीबीआई उनको बेल दिए जाने का पूरी तरह से विरोध करेगी।
दरअसल चारा घोटाला मामले से जुड़े कई केस आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के खिलाफ चल रहे हैं। आज जिस मामले में लालू की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है। यह मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी का है। चारा घोटाले से जुड़े कुल 5 मामलों में से 4 के अंदर लालू यादव दोषी करार दिए जा चुके हैं। 4 मामलों में से 3 में उन्हें जमानत भी मिल चुकी है और अगर दुमका कोषागार मामले में उन्हें जमानत मिलती है तो वह जेल से बाहर आ सकते हैं। चारा घोटाले के पांचवें मामले में भी सुनवाई चल रही है या मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का है।
हालांकि लालू के लिए जेल से बाहर आना फिलहाल इतना आसान नहीं नजर आ रहा। सीबीआई ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह लालू को जमानत दिए जाने के फैसले का विरोध करेगी। जमानत याचिका के खिलाफ सीबीआई ने अपनी रणनीति के तहत आगे बढ़ने का फैसला किया है। सीबीआई का रुख देखकर ऐसा लगता है कि वह लालू के मंसूबों पर पानी फेर सकती है लेकिन अंतिम फैसला कोर्ट को लेना है लिहाजा जमानत याचिका पर होने वाली सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
इसके पहले गुरुवार के दिन लालू यादव को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब हेमंत सरकार ने आनन-फानन में केली बंगले से लालू यादव को निकालते हुए पेइंग वार्ड में वापस से शिफ्ट कर दिया। लालू यादव भले ही चारा घोटाला मामले में होटवार जेल के अंदर सजायाफ्ता हों लेकिन खराब तबीयत के कारण अरसे से वह रिम्स में अपना इलाज करा रहे हैं। लालू की तरफ से बिहार में एनडीए सरकार को अस्थिर करने की जो कोशिश से हुई उसका पर्दाफाश बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने किया। जेल मैनुअल के उल्लंघन के मामले को देखते हुए सीबीआई जमानत याचिका का विरोध करते हुए इसे आधार बना सकती है।