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पटनाः बिहार की राजनीति में जदयू ने लोजपा रामविलास पर 2020 विधान सभा चुनाव में नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था। लेकिन इसी बीच पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड चुनाव के परिणाम आने के बाद से यह साफ हो गया है कि चिराग अपने बल पर चुनाव लड़क सकते हैं। जो भाजपा के बी टीम के लगने वाले आरोपों को खारिज करती नजर आ रही है। बिहार की क्षेत्रीय पार्टियां जेडीयू, राजद और लोजपा(रामविलास) भी दमखम के साथ डटी थी। जिसमें चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) बिहार में महागठबंधन चला रहे नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों पर भारी पड़ी।

नागालैंड विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आज आया. इसमें चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने दो सीटें जीत ली है. लोजपा रामविलास ने नागालैंड की पुघोबोतो और टोबु सीट से जीत हासिल की है. खास बात ये भी रही कि चिराग पासवान की पार्टी के उम्मीदवार नौ विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रहे और काफी कम वोटों से चुनाव हारे. चिराग पासवान ने पहली दफे नागालैंड में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को उतारा था और पार्टी ने नागालैंड में 8.65 प्रतिशत वोट हासिल कर लिया. बता दें कि नागालैंड में सबसे ज्यादा सीटे बीजेपी ने जीती है और उसे 18.93 प्रतिशत वोट ही हासिल हुए हैं।

नागालैंड में हुए विधानसभा चुनाव में बिहार की किसी पार्टी ने सबसे ज्यादा दावे किये थे तो वह नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू थी. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह लगातार दावे कर रहे थे कि नागालैंड में कोई भी सरकार उनकी पार्टी की मदद के बगैर नहीं बनेगी. पार्टी के कई नेता बिहार से नागालैंड जाकर डेरा डाल कर जमे रहे. लेकिन जनता दल यूनाइटेड को सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई. नागालैंड की टसेमिन्यू सीट पर जेडीयू उम्मीदवार ने जीत हासिल की. जेडीयू के उम्मीदवार दो विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रहे. पार्टी को नागालैंड में सिर्फ 3.25 प्रतिशत वोट हासिल हुए।

वैसे नागालैंड में सबसे बुरी स्थिति राजद की हुई. राजद ने नागालैंड चुनाव में मैनेजमेंट के लिए बिहार के मंत्री कुमार सर्वजीत को खास तौर पर वहां भेजा था. लेकिन राजद का खाता तक नहीं खुला. राजद के कुल मिला कर 0.5 प्रतिशत वोट हासिल हुआ।

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