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पटनाः बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से बहाल शिक्षकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटा है। द्वितीय चरण में चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार में लगातार बहाली की जा रही है। द्वितीय चरण में 96000 से अधिक शिक्षकों की बहाली हुई है। इसमें अभी और कुछ बचा हुआ है. उसकी भी बहाली जल्द हो जाएगी. बच्चे और बच्चियों की पढ़ाई बेहतर ढंग से हो इसलिए शिक्षकों की बहाली की जा रही है। दूसरे राज्य के लोगों को भी शिक्षक की नौकरी मिली है। हमने पहले भी कहा था की बिहार से अलावे बाहर के लोगों की भी बहाली होगी। तब कुछ लोगों ने इसका विरोध किया था।

नीतीश कुमार ने पूछा कि बिहार के लोगों की बहाली दूसरे राज्यों में नहीं होती है? तो फिर दूसरे राज्यों के लोगों की बहाली यहां पर नहीं होगी ? राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ के लोग यहां आए हुए हैं। जो लोग बाहर से यहां आए हैं उनका भी मैं स्वागत करता हूं। आप सभी लोग खूब मेहनत करिएगा। मौके पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत अन्य मंत्री मौजूद रहे। सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लगभग 5 लाख नौकरी और 5 लाख लोगों को रोजगार दे चुके हैं। अभी बहुत बहाली करनी है। जरूरत पड़ी तो 10 लाख से अधिक नौजवानों की बहाली करेंगे। हमलोग काम करते हैं दुष्प्रचार नहीं करते। 

उन्होंने कहा कि पहले लगभग 3 लाख 68 हजार नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. अब हमने घोषणा कर दिया है कि यह सभी सरकारी कर्मी होंगे. बहुत जल्द नियोजित शिक्षक सरकारी शिक्षक बनेंगे. इसके लिए हम अलग किस्म की परीक्षा करेंगे. तीन बार परीक्षा लेंगे. उसमें आ जाने के बाद वे सरकारी नौकरी की तरह हो जाएंगे. बहुत जल्दी हम लोग परीक्षा लेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने कहा था कि 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देंगे. लगभग 5 लाख बहाली का काम पूरा होने वाला है और लगभग 5 लाख लोगों को रोजगार भी दे चुके हैं. हम लोग बाकी भी पूरा करेंगे. जरूरत पड़ी तो और ज्यादा बहाली करेंगे, 10 लाख से अधिक. हम लोग काम करते हैं दुष्प्रचार नहीं करते हैं।

मीडिया की तरफ इशारा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि आप लोगों को लिखने नहीं देता है, आप चाहते हैं भी हैं तो लिख नहीं पाते हैं. लेकिन हमारी कामों को याद रखियेगा. उन्होंने कहा कि 2005 तक 12.5 फीसदी बच्चे स्कूल से बाहर थे. लेकिन अब काम पूरा हो गया है,टोला सेवकों और तालिमी मरकज को हमने रखा था. इसका फायदा मिला और छूटे हुए बच्चे स्कूल पहुंच गए. अब हम उनको भी शिक्षकों की तरह पैसा दे रहे हैं. उनसे भी हमलोग उम्मीद करते हैं कि वे भी स्कूलों में जाएं।

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