बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस काफी सक्रिय नजर आ रही है। पार्टी की ओर से जोर-शोर से चुनाव की तैयारी भी चल रही है। इसी सिलसिले में 15 जून को पटना में कांग्रेस की तरफ से बड़ी बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के साथ सभी विधायक शामिल होंगे।
इस बैठक में चुनावी रणनीति पर मंथन के साथ प्रचार अभियान की रुपरेखा तय होगी। बिहार सरकार को कैसे घेरना है। वहीं बिहार में महागठबंधन सरकार बनने पर कांग्रेस माई बहिन मान योजना शुरू करेगी। इसकी जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाने का निर्देश दिया जाएगा। विधायकों को कम से कम 40-50 हजार महिलाओं का इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का टारगेट दिया जाएगा।
बता दें कांग्रेस ने पिछले महीने इस योजना का ऐलान किया है और कहा कि सरकार बनने पर हर महीने महिलाओं को 2500 रुपये दिए जाएंगे। राजद भी इस योजना का ऐलान कर चुकी है। दरअसल महाराष्ट्र मध्य प्रदेश झारखंड में इस तरह की योजनाओं से सत्ताधारी दल को चुनाव में लाभ हुआ है। बिहार में महिला नीतीश की पारंपरिक वोटर मानी जाती हैं। करीब 48 फीसदी महिला वोटर हैं। उनको साधने की कोशिश में कांग्रेस राजद लगी हुई है।
दोनों दलों ने इस योजना का ऐलान अलग अलग किया है। वहीं बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस दमखम के साथ तैयारी में लगी हुई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अब तक चुनावी वर्ष में छह बार बिहार दौरे पर आ चुके हैं। संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं। कांग्रेस चुनाव महागठबंधन रहकर लड़ेगी, लेकिन अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती है।
कांग्रेस पिछली बार 2020 में महागठबंधन में सत्तर सीटों पर लड़ी थी। इस बार भी सत्तर सीटों की मांग कर रही है। सीटों के लिए आरजेडी पर लगातार दबाव बना रही है। यही कारण है कि आरजेडी की तरफ से ऐलान करने के बाद भी कांग्रेस तेजस्वी को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा मानने को फिलहाल तैयार नहीं है।
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