आज़ादी के बाद पहली बार पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक आयोजित हुई और इसने सीधे तौर पर चुनावी एजेंडे का रूप ले लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बेरोजगारी, किसान संकट, वोटर लिस्ट घोटाला, चुनाव आयोग की निष्पक्षता और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
खरगे का भाजपा और नीतीश पर हमला
खरगे ने अपने भाषण में सबसे पहले NDA के भीतर कलह की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि भाजपा अब नीतीश कुमार को “बोझ” मानने लगी है और उन्हें “मेंटली रिटायर्ड” समझ चुकी है। यह बयान नीतीश के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
बेरोजगारी और किसान संकट पर वार
खरगे ने कहा कि मोदी सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह नाकाम रही है। 2 करोड़ नौकरियों का वादा अधूरा है और बिहार की बेरोजगारी दर 15% से ऊपर पहुंच गई है। किसानों की आय दोगुनी करने का वादा भी खोखला साबित हुआ और किसान आंदोलन में 750 से अधिक किसानों की जान गई।
वोटर लिस्ट घोटाले का मुद्दा
खरगे ने गंभीर आरोप लगाया कि देशभर में वोटर लिस्ट से लाखों नाम काटे जा रहे हैं। इसे उन्होंने गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सीधा हमला बताया।
चुनाव आयोग पर सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब चुनाव पारदर्शी हों। आज आयोग विपक्ष से एफिडेविट मांग रहा है, लेकिन खुद सवालों का जवाब देने से बच रहा है।
अर्थव्यवस्था और GST
खरगे ने नोटबंदी और गलत GST को देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चोट बताया। उन्होंने कहा कि लाखों युवा रोजगार से वंचित हैं और सरकार अब उन्हीं सुधारों की ओर बढ़ रही है, जिनकी मांग कांग्रेस शुरू से करती आई थी।
सचिन पायलट का बेरोजगारी और वोट चोरी पर जोर
बैठक में शामिल हुए सचिन पायलट ने कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा “शिक्षित बेरोजगार” हैं। युवा पढ़े-लिखे हैं लेकिन रोजगार के अभाव में उन्हें पलायन करना पड़ता है। उन्होंने साफ कहा कि वोट चोरी का मुद्दा सबसे बड़ा है क्योंकि वोटर लिस्ट में नाम न होने से गरीबों को राशन, स्कॉलरशिप और योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
सीएम पद के चेहरे पर पूछे गए सवाल पर पायलट ने चुप्पी साधते हुए कहा कि सही समय पर घोषणा की जाएगी।
अतिपिछड़ों के लिए कांग्रेस का 10 सूत्रीय वादा
CWC की बैठक से कांग्रेस ने बिहार चुनाव के लिए अतिपिछड़ा वर्ग को लुभाने वाला बड़ा रोडमैप भी जारी किया। इसमें शामिल हैं:
1. ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ पारित होगा।
2. पंचायत और नगर निकाय में अतिपिछड़ों का आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30% किया जाएगा।
3. आरक्षण की सीमा 50% से ऊपर करने का प्रस्ताव संविधान की नौवीं अनुसूची में भेजा जाएगा।
4. भर्ती प्रक्रिया में “Not Found Suitable (NFS)” को अवैध घोषित किया जाएगा।
5. अतिपिछड़ा सूची में गड़बड़ी पर विशेष कमेटी बनाई जाएगी।
6. भूमिहीन अतिपिछड़ा, SC, ST और पिछड़ों को आवासीय जमीन दी जाएगी।
7. शिक्षा अधिकार अधिनियम (2010) के तहत आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा वंचित वर्गों के बच्चों के लिए होगा।
8. 25 करोड़ तक के सरकारी ठेकों में 50% आरक्षण मिलेगा।
9. निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण लागू होगा।
10. आरक्षण की निगरानी के लिए उच्चस्तरीय नियामक प्राधिकरण बनेगा।
निष्कर्ष
पटना की इस बैठक ने साफ कर दिया कि कांग्रेस बिहार चुनाव को बड़े एजेंडे के साथ लड़ने जा रही है। खरगे का नीतीश पर हमला, बेरोजगारी और वोटर लिस्ट का मुद्दा, तथा अतिपिछड़ों के लिए 10 वादों का रोडमैप – ये सब मिलकर कांग्रेस की रणनीति की झलक देते हैं। अब देखना होगा कि जनता इस चुनावी पैकेज को कितना स्वीकार करती है।