जमुई, संवाददाता
जमुई के सदर अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। रविवार सुबह प्रसव पीड़ा के बाद एक प्रसूता महिला को ई-रिक्शा से अस्पताल लाया गया। वह दर्द से कराह रही थी, बावजूद इसके अस्पताल से कोई मदद नहीं मिली। इस दौरान महिला ने ई-रिक्शा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
कृष्णपट्टी निवासी विक्की देवी (23) प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। जह पीड़िता के साथ परिजन अस्पताल पहुंचे, उस समय सदर अस्पताल की ममता दीदी रीना राय मौके पर मौजूद थीं। उन्होंने ड्यूटी खत्म होने का हवाला देकर मदद करने से इनकार कर दिया। उनका मानना था कि मदद करने पर भी परिजनों से पैसे नहीं मिलेंगे। क्योंकि ड्यूटी पर तैनात स्टाफ इसकी अनुमति नहीं देगा।
प्रसूता की सास समुद्री देवी और अन्य परिजन 10 मिनट तक स्वास्थ्यकर्मियों को खोजते रहे। इस दौरान विक्की देवी ने ई-रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस प्रक्रिया में नवजात को चोट भी लग गई। इसके बाद पहली मंजिल में ड्यूटी पर तैनात दूसरी ममता दीदी कुंती देवी ने मदद की। उन्होंने नवजात की नाभि काटी और मां-बच्चे दोनों को प्रसव कक्ष में ले जाया गया।
पूरे मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडेय ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी। जानकारी मिली है पूरे मामले की जांच की जाएगी।
यह घटना सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए ममता दीदी और नर्स की नियुक्ति की गई है। लेकिन इस घटना ने साबित कर दिया कि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ड्यूटी से ज्यादा महत्वपूर्ण पैसा है, मरीज की जान नहीं।
अस्पताल के बाहर ई-रिक्शा में हुआ प्रसव
