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लाइव बिहार: पटना के चर्चित रूपेश सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर गुरुवार को विपक्ष के कई नेता राज्यपाल फागू चौहान से मिलने पहुंचे। पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, अजित कुमार, राम जतन सिन्हा, सुरेश शर्मा, अवनीश सिंह सहित विपक्ष के कई नेताओं ने राज्यपाल से मिलने के बाद कहा कि हम सभी लोगों की मांग है कि रूपेश सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराई जाए। इसे लेकर हमने आज राज्यपाल से मुलाकात की। पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा कि हमने राज्यपाल से सिफारिश की है कि रूपेश के परिवार में से किसी एक को नौकरी, इंडिगो कंपनी से एक करोड़ मुआवजा दिलाया जाए।

वहीं पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार ने कहा कि जिस तरह से रूपेश मामले में पुलिस ने कहानी गढ़ी है, वह चकित करनेवाला है। न सिर्फ रूपेश के परिवारवालों ने बल्कि राज्य में अधिकतर लोगों को यह मानना है कि मुख्य साजिशकर्ता को बचाने के लिए पुलिस ने यह पूरी स्क्रिप्ट तैयार की है। उन्होंने कहा कि पटना में 300 करोड़ रुपए की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। लेकिन आश्चर्य की बात है वीवीआईपी जोन में जिस जगह हादसा हुआ, वहां कैमरा काम नहीं कर रहा था, जो कि बड़ी साजिश को दर्शाता है, इसकी गहन जांच होनी बेहद जरुरी है।

बता दें कि पटना के चर्चित रूपेश सिंह हत्याकांड का खुलासा करने का दावा पुलिस ने किया है। पुलिस का कहना है कि रोड रेज के बाद हुई मारपीट का बदला लेने के लिए ईंट भट्ठा मालिक के बेटे रितुराज ने इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश की हत्या को अंजाम दिया। हत्यारोपित को रामकृष्णा नगर के आदर्श कॉलोनी के रोड नंबर-2 खेमनीचक से पकड़ा गया है। वह मूल रूप से धनरुआ थाना इलाके के धमौल का रहने वाला है। उसके दो अन्य साथी फरार हैं।

एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बुधवार को बताया कि बीते वर्ष 29 नवंबर को एयरपोर्ट के निकट लोजपा दफ्तर के पास एक बाइक सवार से कार में टक्कर लगने के बाद रूपेश की बहस हुई थी। बाइक सवार के गाली-गलौज करने पर रूपेश ने उसकी पिटाई की थी। इससे खफा बाइक सवार ने उनकी हत्या की साजिश रची। उसी ने 12 जनवरी को अपने अन्य दो साथियों के साथ मिलकर रूपेश को मौत के घाट उतार दिया।

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