आज धनतेरस है, दीपावली के ठीक दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार आता है. धनतेरस को लेकर शहर के बाजारों में रौनक बढ़ गई है. धनतेरस एवं दीपावली को लेकर खरीदारी के लिए दुकानों में विशेष तैयारियां की गई हैं. आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल, मिठाइयों तथा सजावट सामग्री की दुकानों में अभी से ही दीपावली को लेकर चहल—पहल बढ़ गई है.
इस साल धनतेरस पूजा का अति शुभ मुहूर्त केवल 27 मिनट ही है. शाम 5:32 से 5:59 मिनट तक आप पूजा कर लें. इस दौरान पूजा करना फलदायी साबित होगा. यदि कोई इस समय दीपदान करता है तो अति शुभ होगा.
आपको बता दें कि धनतेरस पर यमपूजा दीपदान रात को किया जाता है।काशी के महावीर पंचांग, गणेश आपा पंचांग, राजधानी और विश्वविजयी पंचांग के अनुसार धनतेरस का पर्व 12 नवंबर को मनाना उचित है। अधिकांश विद्वानों का कहना है कि त्र्योदशी 12 नवंबर को रात साढ़े नौ बजे लगेगी और 13 नवंबर को शाम 5.59 मिनट तक जारी रहेगी। उदयकाल के कारण शुक्रवार को त्र्योदशी रहने और संध्याकाल में उपस्थित रहने से धनतेरस का पर्व शुक्रवार को ही मनाना यथेष्ट और शास्त्र सम्मत है।
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन सोने –चांदी आदि वस्तुओं की भी खरीदने की परंपरा है. लोग नई–नई वस्तुओं को खरीदते हैं. लेकिन खरीदारी के समय आपको एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. धनतेरस के दिन भूलकर भी इन चार वस्तुओं की खरीददारी कतई न करें, नहीं तो घर से सुख, समृद्धि धन-वैभव सब खत्म हो जायेगा और घर में कंगाली और दरिद्रता आ जायेगी.
1.स्टील और एल्युमिनियम
2.लोहा
3.प्लास्टिक
4.कांच