आरा: भोजपुर जिले में डॉक्टर आपके द्वार योजना बंद कर दी गई है. आरा के पूर्व सांसद और भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सांसद और केंद्रीय मंत्री रहते डॉक्टर आपके द्वार योजना की शुरुआत की थी.नवम्बर 2022 में शुरू हुई इस योजना के तहत प्रत्येक एम्बुलेंस में एक डॉक्टर, एक नर्स, एक फार्मासिस्ट. एक ड्राइवर और एक सहायक की पूरी टीम मौजूद थी. एम्बुलेंस अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं से लैस थी.यह टीम गांव गांव जाकर मरीजों का मुफ्त जांच और इलाज कर रही थी. इस योजना का सबसे अधिक लाभ समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति और दलित महादलित समाज को मिला.अब आरा से आरके सिंह के चुनाव हारने के बाद यह योजना आरा में बंद कर दी गई है.
डॉक्टर आपके द्वार योजना के संयोजक नीरज कुमार ने बताया कि भोजपुर जिले में दस मोबाईल एम्बुलेंस के मेंटेनेन्स, रखरखाव और संचालन के लिए ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड आरईसी और कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सीएसआर का सहयोग था. इन्ही के सहयोग से इस अतिमहत्वाकांक्षी योजना को भोजपुर में शुरू किया गया था. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के चुनाव हार जाने के बाद ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड आरईसी और कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सीएसआर ने इस योजना को भोजपुर से छत्तीसगढ़ के लिए स्थानांतरित कर दिया है.डॉक्टर आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल चिकित्सकों एवं तकनिशियनो को अब छत्तीसगढ़ जाने को कहा गया है और भोजपुर में यह सेवा अब पूरी तरह बंद कर दी गई है.
डॉक्टर आपके द्वार योजना से जिले के 14 प्रखंडो में डॉक्टर, नर्स और अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं से परिपूर्ण चलन्त एम्बुलेंस गांव गांव जाकर वंचित लोगों के बीच स्वास्थ्य की जांच और इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे. सबसे अधिक लाभ दलित एवं महादलित बस्तियों में निवास करने वाले गरीबों को मिल रहा था.
डॉक्टर आपके द्वार योजना से जुड़े प्रत्येक एम्बुलेंस प्रत्येक महीने 20 शिविर लगाता था और प्रतिदिन 70-75 मरीजों का इलाज किया जाता था. ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड आरईसी और कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सीएसआर के तहत 12.68 करोड़ रूपये की लागत से यह योजना चलाई जा रही थी.रविवार को अवकाश रहता था जबकि सोमवार से शनिवार तक डॉक्टर आपके द्वार योजना पूरी तरह जनता के बीच होती थी.
अब आरके सिंह के चुनाव हारने के बाद भोजपुर के गरीब लोगों के लिए चल रही यह योजना बंद हो गई है और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड आरईसी और कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सीएसआर ने इस योजना को छत्तीसगढ़ स्थानांतरित कर दिया है.