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Patna:देश भर में कोरोना का क़हर अभी जारी है. मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है और मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रहा है. इस बीच अब बिहार सरकार ने एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में कोरोना के कारण मार्च से बंद प्राथमिक और मध्य स्कूलों को खोलने को लेकर सरकार अभी कोई जल्दबाजी में नहीं है. शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि पढ़ाई के लिए हम बच्चों की जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकते हैं. स्कूल खोलने का निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा.

बता दें कि राज्य के 50 हजार से अधिक प्राथमिक स्कूल अभी बंद हैं. शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है इसलिए खतरा मोल नहीं ले सकते. बता दें कि बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 230632 पहुंच गई है और अब तक 1221 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि 224221 मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं. बिहार में फिलहाल 5190 एक्टिव केस मौजूद हैं.

अन्य राज्यों में कोरोना के तेजी से हो रहे प्रसार के कारण राज्य सरकार कोई ढिलाई देने के मूड में नहीं है. पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से पांच और मरीजों की मौत के बाद सरकार और भी चौकन्नी हो गई है. अशोक चौधरी ने कहा कि एक्सपर्ट की टीम के साथ सलाह करेंगे. इसके बाद उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें फैसला होगा कि स्कूल कब खुलेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूल खुले हुए हैं. उसमें कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए क्लास चलाई जा रही है. यह क्लास भी एक तरह से कोचिंग क्लास की तरह संचालित हो रही है.

उन्होंने बताया कि इसमें बच्चे अपनी कठिनाइयों को हल कराने आ रहे हैं. बच्चों और शिक्षकों को भी रोज न बुलाकर एक विशेष फार्मूले के तहत बुलाया जा रहा है.एक तिहाई बच्चे ही रोज बुलाए जा रहे हैं. हालांकि इन कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति निराशाजनक रही है. हालात ये हैं कि कोविड संक्रमण के डर से दस फीसदी बच्चे भी स्कूल नहीं आ रहे हैं.

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