राजगीर में हवाई अड्डा निर्माण की कवायद फिर शुरू
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नालंदा: पर्यटक नगरी राजगीर में हवाई अड्डा बनाने की कवायद फिर से शुरू की गई है। कैबिनेट की ओर से प्रस्ताव पारित होने के बाद महादेवपुर और नालंदा विश्वविद्यालय के बगल में पहले से प्रस्तावित हेलीपैड बनाने की कवायद जिला प्रशासन ने शुरू किया था। उस जमीन और आसपास की जमीन की पैमाइश भी राजगीर अंचल की ओर से कराई गई थी, लेकिन उस स्थल की अपेक्षित लंबाई नहीं होने के कारण दूसरे जगह की तलाश अब शुरू की गई है।

सीओ अनुज कुमार ने बताया कि हवाई अड्डा निर्माण के लिए 11 हजार फीट लम्बाई वाली जमीन की आवश्यकता है। लेकिन महादेवपुर और नालंदा विश्वविद्यालय के समीप के हेलीपैड की जमीन की लंबाई मात्र 7500 फीट है, जो हवाई अड्डा के लिए पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने बताया कि प्रखंड के मेयार और बढ़ौना मौजा के अलावे बरनौसा और लोदीपुर मौजा में भी स्थल का चयन किया गया है। अंचल अमीन से इसकी पैमाइश भी कराई गई है।
डीएम के निरीक्षण बाद ही हवाई अड्डा के चयन पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा

नए प्रस्तावित स्थलों का निरीक्षण अपर समाहर्ता मंजीत कुमार, एसडीओ कुमार ओमकेश्वर, भूमि सुधार उपसमाहर्ता उपेंद्र सिंह ने किया है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को डीएम शशांक शुभंकर हवाई अड्डा के प्रस्तावित स्थलों का निरीक्षण करेंगे। डीएम के निरीक्षण बाद ही हवाई अड्डा के चयन पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेयार और बढ़ौना मौजा के बीच 550 एकड़ जमीन का चयन किया गया है। यह प्रश्नगत भूमि 3.33 किलोमीटर लंबी और 709 मीटर चौड़ी है। इस प्रस्तावित हवाई अड्डा की लंबाई 11000 फीट और चौड़ाई 2000 फीट है।

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