Elections 2026 : 2026 में पांच प्रमुख राज्यों के विधानसभा चुनाव,बीजेपी और कांग्रेस की रणभूमि

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असम, बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी में चुनावी तैयारी
Highlights
  • • साल 2026 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं • असम में बीजेपी और कांग्रेस की कड़ी टक्कर • पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची और नए मतदाता मुख्य मुद्दा • केरल और तमिलनाडु में दक्षिणी राज्यों में राजनीतिक समीकरण • चुनाव नतीजे राष्ट्रीय राजनीति और केंद्र सरकार पर असर डालेंगे

Elections 2026 :समय के पहिये पर राजनीति की तैयारी

समय का पहिया लगातार चलता रहता है। जैसे ही नया साल 2026 आएगा, भारत की राजनीति नई चुनौतियों और अवसरों के बीच फिर से सक्रिय हो जाएगी। अतीत के अनुभव और पिछली चुनावी रणनीतियों की कसौटी पर राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। देश के पांच प्रमुख राज्यों — असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी — में होने वाले चुनाव इस वर्ष की राजनीति की दिशा तय करेंगे।

राजनीतिक दल इस बार हर राज्य में अपने उम्मीदवारों और रणनीति पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। नई मतदाता सूची और पंजीकरण की स्थिति भी चुनाव परिणामों पर असर डाल सकती है। ऐसे में राजनीतिक दलों की सक्रियता, गठबंधन और रणनीति इस चुनावी साल को और भी निर्णायक बना रही है।

Elections 2026 :असम विधानसभा चुनाव और बीजेपी का दबदबा

असम पिछले दो चुनावों से बीजेपी के नियंत्रण में है। 126 सीटों में से एनडीए ने 75 सीटें हासिल की थीं। बीजेपी की अगुआई में मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा और उनके सहयोगियों की रणनीति इस चुनाव में भी निर्णायक भूमिका निभाएगी। कांग्रेस ने अपने तेजतर्रार नेता गौरव गोगोई को राज्य की कमान दी है।

इस बार राज्य की मतदाता सूची में 10.56 लाख मतदाता हटाए जा चुके हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस संख्या को लेकर सतर्क हैं। बीजेपी का लक्ष्य उत्तर पूर्व में अपनी सत्ता बनाए रखना है, जबकि कांग्रेस राज्य में सेंध लगाने के लिए सक्रिय है। असम के चुनाव परिणाम न केवल राज्य की राजनीति बल्कि देश की राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण संकेत देंगे।

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Elections 2026 :पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का किला

पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने 213 सीटें जीतकर सनसनी फैला दी थी। इस बार एसआईआर के चलते राज्य के मतदाता सूची में कई बदलाव हुए हैं। नए मतदाताओं और हटाए गए नाम वाले मतदाताओं की संख्या को लेकर दोनों प्रमुख दल सतर्क हैं।

यदि ममता बनर्जी अपने किले को बनाए रखने में सफल रहती हैं, तो बीजेपी के लिए पश्चिम बंगाल में चुनौती बढ़ जाएगी। वहीं यदि बीजेपी बंगाल में सफलता प्राप्त करती है, तो उसका राष्ट्रीय प्रभाव मजबूत होगा। इस बार चुनावी मुद्दों में बांग्लादेशी घुसपैठ, विकास और सुरक्षा प्रमुख हैं।

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Elections 2026: दक्षिण भारत में राजनीति की नई चुनौती

दक्षिण भारत के राज्य — केरल और तमिलनाडु — में भी बीजेपी अपनी उपस्थिति बढ़ाने में लगी हुई है। केरल में वामपंथ और कांग्रेस गठबंधन का मुकाबला बीजेपी के खिलाफ है। हाल ही में नगर निकाय चुनावों में तिरूअनंतपुरम् पर बीजेपी ने कब्जा किया।

तमिलनाडु में बीजेपी, डीएमके और अन्नाद्रमुक के बीच राजनीतिक युद्ध में तीसरा पक्ष बनने की कोशिश कर रही है। यदि बीजेपी दक्षिण में मजबूत उपस्थिति बनाने में सफल होती है, तो उसका राष्ट्रीय प्रभाव भी बढ़ेगा।

Elections 2026 : चुनाव परिणाम और राजनीति की दिशा

यदि असम में बीजेपी सत्ता बनाए रखती है, पश्चिम बंगाल के किले पर कब्जा करती है और दक्षिण में अहम उपस्थिति बनाती है, तो उसका राजनीतिक घोड़ा तेजी से दौड़ेगा। वहीं यदि कांग्रेस और वामपंथ के गठबंधन को सफलता मिलती है, तो बीजेपी के सामने राष्ट्रीय चुनौती बढ़ जाएगी।

राजनीतिक दलों की इस तैयारी में मतदाताओं की भूमिका, मतदाता सूची और गठबंधन की रणनीति निर्णायक साबित होगी। 2026 के चुनाव न केवल राज्य बल्कि पूरे देश की राजनीतिक दिशा तय करेंगे।

साल 2026 के विधानसभा चुनाव राजनीति की नई लकीरें खींचेंगे। असम, बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी में होने वाले चुनाव इस वर्ष की राजनीति को निर्णायक मोड़ देंगे। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल अपने-अपने रणनीति और गठबंधन के माध्यम से चुनावी सफलता पाने की कोशिश में हैं। यह चुनावी साल भारतीय राजनीति के लिए उत्साह और रोमांच से भरा रहेगा।

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