बिहारशरीफ: जिले में अंतरराष्ट्रीय सक्रियता दिवस पखवारा मनाया जा रहा है। इसके तहत 16 दिवसीय अभियान चलाया जा रहा है। लिंग आधारित हिंसा और यौन हिंसा पीड़िताओं के लिए चिकित्सकीय व कानूनी देखभाल करने वाले चिकित्सकों व कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है। इन्हें पीड़िताओं को दी जाने वाली सरकारी सुविधाएं, कानूनी प्रकिया आदि के बारे में जानकारी दी गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अमित गौरव ने बताया कि संस्थान में हिंसा से पीड़ित महिला के आने पर उन्हें साइकोलॉजिकल सपोर्ट देते हुए काउंसलिंग करने की सलाह दी गई है। सभी को साक्ष्य संग्रह और दस्तावेजीकरण के महत्व से संबंधित जानकारी देने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि डीएलएसए के तरफ से कंपनसेशन तय किया जाता है जो सरवाइवर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। अगर कोई महिला हिंसा से पीड़ित है तो उसको डीएलएसए से जोड़ सकते हैं। पीड़ित को न्यायिक प्रक्रिया में भी मदद मिलेगा। साथ ही, प्रशिक्षण के दौरान महिला हिंसा से जुड़े विभिन्न कार्यों में बेहतर सहयोग करने वाली महिला चिकित्सकों, काउंसलर, लैब टैक्निशियन, जीएनएम को प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है। सम्मानित होने वालों में डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ. अनुपमा, डॉ. संगीता वर्मा, डॉ. वीणा प्रभा, डॉ. विश्वजीत, डॉ. शिल्पा, डॉ. संध्या, डॉ. स्मृति ईरानी, काउंसलर संगीता त्रिपाठी, मंजू कुमारी, सपना कुमारी, आरती कुमारी उषा कुमारी, श्वेता सुमन, ममता कुमारी, नेहा कुमारी, एनआरसी से कुमारी साधना चौधरी, ममता कुमारी, किरण कुमारी, अजय कुमार सिंह शामिल हैं।
सीएस डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सरकार कई प्रकार की सुविधा दे रही है। लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इसका लाभ नहीं ले रहे हैं। महिलाओं को जागरूक करने के लिए 10 दिसंबर तक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। महिलाएं जितना जागरूक होंगी। उनके प्रति हिंसा के मामले में उतनी ही कमी आएगी
इस मौके पर पैनल अधिवक्ता कुणाल गौरव, डीपीएम श्याम कुमार निर्मल, डीएस डॉ. अशोक कुमार, आइसीडीएस की डीपीओ अर्चना कुमारी, बृजेश कुमार, वन स्टॉप सेंटर मैनेजर लता कुमारी, मास्टर ट्रेनर डॉ. प्रियंका, डॉ. विश्वजीत, वीणा कुमारी एवं एवं पीरामल फाउंडेशन के राज्य एवं जिला प्रतिनिधि उपस्थित थे।