नालंदा: नालंदा जिले में सात निश्चय-2 के तहत शुरू की गई दुधारू मवेशियों की बीमा योजना में राज्य सरकार 75 प्रतिशत बीमा राशि वहन करने को तैयार है लेकिन किसान इसे नजर अंदाज कर रहे हैं। आंकड़ा के अनुसार, जिले साढ़े चार लाख से अधिक गाय और भैंसें हैं। जिसमें अब तक किसानों ने 150 पशुओं का ही बीमा कराया गया है।
योजना के अंतर्गत एक दुधारू पशु का अधिकतम बीमा 60 हजार रुपए तक किया जा सकता है। बीमा प्रक्रिया में किसान को केवल 25 प्रतिशत राशि जमा करनी होती है, जो लगभग 525 रुपए प्रति पशु है। किसानों में इस योजना के प्रति उदासीनता देखने को मिल रही है।
जिला गव्य विकास पदाधिकारी जीतेंद्र कुमार का कहना है कि योजना का उद्देश्य पशुपालकों को लंपी, गलघोंटू जैसी गंभीर बीमारियों से होने वाली आर्थिक क्षति से बचाना है। डेरी.बिहार.जीओवी.इन पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद किसानों की भागीदारी नगण्य रही है।
एक किसान अधिकतम चार पशुओं का बीमा करा सकता है, और दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के सदस्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बावजूद, किसानों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है जिसे उनकी जागरूकता की कमी बताया जाता है। बीमा कंपनी पशुओं की ईयर टैगिंग भी करेगी, जिसकी सुरक्षा किसान की जिम्मेदारी होगी। केवल स्वस्थ पशुओं का ही बीमा किया जाएगा, जिनके पास पशु चिकित्सक द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र होगा।