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आरा(भोजपुर): भोजपुर में गंगा और सोन के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। नदी के किनारे वाले ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। रात में पानी की स्थिति कुछ और होती तो सुबह उसकी स्थिति कुछ और ही बयां करती है। पानी से ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। खेत में पानी के कारण खेती में भी परेशानी हो रही है। मवेशियों को शरण देने की भी समस्या उत्पन्न हो गई है।

ऐसी ही स्थिति अभी भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के नेकनाम टोला, जीवा राय का टोला और शालिग्राम सिंह का टोला की बनी हुई है। इन तीनों टोले में करीब आठ से दस हजार लोग रहते हैं। टोला में जाने के लिए एक मात्र रास्ता है। सड़क बाढ़ के पानी में डूब चुकी है।

इससे जान माल का भी खतरा दिख रहा है। सड़क की चौड़ाई भी ज्यादा नहीं है। सड़क के अगल-बगल खेत और गढ्ढे है। जो बाढ़ की पानी से भर चुके हैं। ऐसे में ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर बाढ़ में डूबी सड़क को पार करना पड़ता है।रात होने से पहले ग्रामीण अपना सारा काम करके वापस लौट जाते हैं। क्योंकि रात में समस्या और भयावह हो जाती है।

ग्रामीण संजय कुमार सिंह ने बताया कि नेकनाम टोला, जीवा राय का टोला और शालिग्राम सिंह का टोला में जाने वाला एकमात्र यह पथ है। किसी व्यक्ति की तबीयत खराब होती है तो खाट पर मरीज को लेकर जाना पड़ता है। जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि की ओर से अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। गांव में जाने या आने के लिए बाहर ही कपड़ा खोलना पड़ता है।

वहीं स्कूल के लौट रहे दो स्टूडेंट्स ने बताया कि स्कूल ड्रेस भीग जाते हैं। डर भी लगता है। स्कूल ट्रेन खोलकर पानी पार करना पड़ता है। एक व्यक्ति ने बताया कि टोला का रास्ता सही नहीं है। रोड बहुत नीचे है। हमलोग चाहते है सड़क ऊंची हो जाए। ताकि आने-जाने में सुविधा हो सके। स्कूल के मास्टर और बच्चों को भी आने जाने में बहुत परेशानी होती है।

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