गया, संवाददाता
प्रदेश के ऐतिहासिक और धार्मिक राजधानी शहर गया को केंद्र सरकार से बड़ी सौगात मिली है। संस्कृति मंत्रालय ने यहां ‘कला ग्राम’ स्थापित करने की अपनी मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में यह योजना बिहार की सांस्कृतिक विरासत को और सशक्त बनाएगी। इसके तहत गया और पटना में कला ग्राम विकसित किए जाएंगे। इससे कला क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्थानीय कलाकारों को राष्ट्रीय फलक पर अपनी मुकम्मल पहचान बनाने के भी अवसर मिलेंगे।
संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुनीष चावला ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि गया और पटना में कला ग्राम के लिए 5 से 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाए। यह जमीन फ्री होल्ड या लीज होल्ड किसी भी रूप में हो सकती है, लेकिन इसे पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर ही चुना जाना चाहिए। जमीन मिलते ही केंद्र सरकार इसके निर्माण, रखरखाव और संचालन का पूरा खर्च उठाएगी।
संस्कृति मंत्रालय ने 2025 में प्रयागराज महाकुंभ के दौरान पहला कला ग्राम स्थापित किया था, जो बड़ी सफलता के रूप में साबित हुआ। इसी को देखते हुए अब पूरे देश में 20 और कला ग्राम बनाए जा रहे हैं। ये केंद्र भारत की कला, संस्कृति और परंपराओं को संजोएंगे। यहां देशभर के कलाकारों, कारीगरों और शिल्पकारों को मंच मिलेगा। साथ ही लोक कलाओं, पारंपरिक संगीत और स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए भी यह एक बड़ा केंद्र बनेगा।
गया, जो पहले से ही बौद्ध और हिंदू धर्म के लिए पवित्र स्थल है, अब कला और संस्कृति का भी प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है। इस फैसले से न सिर्फ स्थानीय कलाकारों को नया मंच मिलेगा, बल्कि पर्यटन को भी नई रफ्तार मिलेगी।
गया को केंद्र सरकार की सौगात, मिला ‘कला ग्राम’सांस्कृतिक पहचान को मिलेगी नई उड़ान, स्थानीय कलाकारों और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
