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Patna: बिहार सरकार ने दुर्गा पूजा को लेकर शुक्रवार को गाइडलाइन जारी कर दिया है। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार राज्य में कोई मेला नहीं लगेगा। इसके अलावा लाउड स्पीकर के इस्तमाल पर भी रोक लगा दिया गया है। पंडाल का निर्माण किसी विशेष थीम पर नहीं किया जा सकता। सामूहिक प्रसाद वितरण पर भी रोक रहेगी। इस संबंध में गृह विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किया है।

वहीं दूसरी ओर दुर्गापूजा के दौरान पंडाल निर्माण पर रोक लगने से राजधानी के टेंट कारोबारियों को मायूस होना पड़ा है। पूजा पंडाल नहीं बनने से पंडाल व्यवसायियों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना होगा। शहर के पूजा पंडालों के निर्माण से टेंट पंडाल व्यवसाय को काफी आमदनी होती रही है। पूजा पंडाल की तैयारियां पंडाल निर्माता छह महीने पहले ही शुरू कर देते थे। इस बार भी पूजा पंडाल व्यवसायी फरवरी और मार्च में ही खरीदारी में अपनी पूंजी फंसा चुके थे। इस वर्ष पंडाल नहीं बनने से लगभग दस हजार टेंट, पंडाल व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

दो माह पहले से ही बनने लगते थे पंडाल

पटना में बनने वाले थीम बेस्ड पंडाल का निर्माण लगभग दो महीने पहले से शुरू हो जाता था। इसमें बड़ी संख्या में पंडाल निर्माता मजदूर और कारीगरों को रोजगार मिलता था। लेकिन पंडाल पर रोक लगने से बड़ी संख्या में लोगों को पूजा उत्सव के मौके पर रोजगार नहीं मिल सकेगा। ऑल बिहार टेंट डेकोरेटर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव नॉलेज कुमार कहते हैं कि लगन फेल होने के बाद पूजा पंडाल निर्माण से टेंट, पंडाल निर्माताओं को काफी आस थी। पंडाल निर्माता इसके लिए महीनो पहले से तैयारी कर रहे थे। पंडाल निर्माण पर रोक से पंडाल व्यवसाय में पहले से चल रही आर्थिक मंदी को दूर करने में कोई मदद नहीं मिलेगी।

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