गुरु के दरबार
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पटनाः बिहार को लेकर आम तौर पर देश के अन्य राज्यों में कई बार नकारात्मक छवि पेश की जाती है। बिहार की इस नकारात्मक छवि को लेकर कई बार देश में चर्चा का विषय भी बना जाता है। खासकर राजनीतिक क्षेत्र में बयानबाजी का दौर शुरु हो जाता है। लेकिन सभी प्रचलन से राज्यपाल विश्वनाथ राजेन्द्र आर्लेकर भी चिंतित हैं। उन्होंने अब अपनी इस चिंता को लेकर देश के अन्य राज्यों के लोगों से खास अपील की है. साथ ही बिहार से मिलने वाले प्रेम, सम्मान और अपनत्व को खूब सराहा है। 

दरअसल, राजभवन के दरबार हाल में एक भारत, श्रेष्ठ भारत के तहत आयोजित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, लक्षद्वीप एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के स्थापना दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसी दौरान राज्यपाल आर्लेकर ने बिहार की छवि से जुडी अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से बिहार आकर लोग अपने को बिहारी मानने लगते हैं और यहीं की भाषा-बोली और संस्कृति को अपना लेते हैं। राज्यपाल ने बिहारियों को उनके दायित्व से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि बिहार की अच्छाई के बारे में लोगों को बताएं और कुछ प्रदेशों में बने बिहार की नकारात्मक छवि को बदलने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बिहार में अब काफी कुछ बदलाव हो रहा है, खासकर करके पर्यटन के क्षेत्र में काफी काम हुआ है, जो देश के साथ विदेश के लोगों को भी काफी प्रभावित कर रहा है, जिसके कारण बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने कहा कि भारत के लगभग सभी राज्यों के लोग बिहार में रहकर व्यापार, सरकारी सेवा, पढ़ाई और आजीविका आदि के लिए कार्य करते हैं और इस राज्य ने सबको प्रेम, सम्मान और अपनापन दिया है। दूसरे राज्यों से यहां आकर लोग अपने को बिहारी मानने लगते हैं। इसलिए हमारा दायित्व है कि हम बिहार की अच्छाई के बारे में लोगों को बताएं और कुछ प्रदेशों में बने बिहार की नकारात्मक छवि को बदलने का प्रयास करें। साथ ही कहा कि बिहार में विकास के काम भी काफी रफ्तार के साथ हो रहा है। इसके अलावा उद्योग धंधा को बंढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े कारोबारियों को बुलाया जा रहा है। साथ ही सरकारी की तरफ से कई तरह की सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है।

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