हाजीपुर–मुजफ्फरपुर बाईपास बना विकास की नई राह — अब नहीं लगेगा जाम, दौड़ेगी औद्योगिक रफ्तार!

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16.87 किमी लंबा हाजीपुर–मुजफ्फरपुर बाईपास अब आम जनता के लिए खुला
Highlights
  • • 16.87 किमी लंबा बाईपास आम जनता के लिए खोला गया • ₹200 करोड़ की लागत से बना — 66 अंडरपास, 4 ब्रिज और 1 रेलवे ओवरब्रिज शामिल • हाजीपुर–मुजफ्फरपुर जाम से मिलेगी स्थायी राहत • औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन को मिलेगा बढ़ावा • 15 साल बाद पूरी हुई ऐतिहासिक परियोजना

16.87 किमी लंबा बाईपास — हाजीपुर और मुजफ्फरपुर की जनता के लिए बड़ी राहत

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 11 अक्टूबर (शनिवार) को हाजीपुर–मुजफ्फरपुर बाईपास आम जनता के लिए खोल दिया गया।
यह बाईपास वर्षों से चल रही जाम की समस्या से लोगों को मुक्ति दिलाएगा और उत्तर बिहार की औद्योगिक धड़कन को नई गति देगा।

कुल 16.87 किलोमीटर लंबा यह बाईपास अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक से तैयार किया गया है।
इस मार्ग में 66 अंडरपास, 4 माइनर ब्रिज और 1 रेलवे ओवरब्रिज (ROB) शामिल हैं —
जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित हो गई है।

15 साल की लंबी यात्रा — संघर्ष, देरी और अंत में सफलता

इस परियोजना की मंजूरी वर्ष 2010 में मिली थी, लेकिन काम शुरू हुआ 2012 में।
भूमि अधिग्रहण और तकनीकी दिक्कतों के चलते यह प्रोजेक्ट कई बार अटका।
करीब 6 साल तक मामला कोर्ट में लंबित रहा, जिससे निर्माण कार्य ठप हो गया था।

फिर 2021–22 में परियोजना को रफ्तार मिली, और अंततः 200 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण पूरा हुआ।
इस बाईपास के लिए 36 गांवों की लगभग 124 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई,
जिस पर लगभग 199 करोड़ रुपए खर्च हुए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले वर्ष अपनी “प्रगति यात्रा” के दौरान इस परियोजना का निरीक्षण किया था
और निर्देश दिया था कि कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा किया जाए।
हालांकि रेलवे ओवरब्रिज में देरी के कारण यह योजना लगभग एक वर्ष बाद पूरी हुई,
पर आज यह सपना हकीकत बन चुका है।

आर्थिक विकास को मिलेगी नई दिशा — व्यापार और रोजगार को बढ़ावा

हाजीपुर–मुजफ्फरपुर बाईपास बना विकास की नई राह — अब नहीं लगेगा जाम, दौड़ेगी औद्योगिक रफ्तार! 1

हाजीपुर–मुजफ्फरपुर बाईपास सिर्फ सड़क नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास की धुरी है।
इससे जिले की आर्थिक रफ्तार और व्यापारिक नेटवर्क को नई ऊर्जा मिलेगी।
मुजफ्फरपुर–दरभंगा और मुजफ्फरपुर–मोतिहारी के बीच यात्रा समय में भारी कमी आएगी।

यह मार्ग ईस्ट–वेस्ट कॉरिडोर फोरलेन से भी जुड़ जाएगा,
जिससे उत्तर बिहार को राष्ट्रीय सड़क नेटवर्क से सीधी कड़ी मिलेगी।
इसके साथ ही, गोपालगंज होते हुए उत्तर प्रदेश जाने वाले यात्रियों को भी राहत मिलेगी।
सीतामढ़ी से सोनबरसा और पटना–मुजफ्फरपुर के बीच सफर अब पहले से काफी आसान हो गया है।

डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा —

“हाजीपुर–मुजफ्फरपुर बाईपास का उद्घाटन शहर के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
इससे न केवल जाम की समस्या खत्म होगी, बल्कि औद्योगिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी।”

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स्थानीय लोगों की खुशी — ‘अब नहीं फँसेगा घंटों का समय’

बाईपास के शुरू होने की खबर से शहरवासियों और व्यापारियों में खुशी की लहर है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि अब जाम में बर्बाद होने वाले घंटों की बचत होगी।
ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों का मानना है कि यह बाईपास उत्तर बिहार के लॉजिस्टिक नेटवर्क को नई ताकत देगा।

स्थानीय दुकानदारों और होटल संचालकों को उम्मीद है कि
बाईपास किनारे नए व्यापारिक अवसर खुलेंगे —
नई मंडियाँ, गोदाम, और ट्रांसपोर्ट हब विकसित होंगे।

एक स्थानीय ट्रक ऑपरेटर ने कहा —

“पहले मुजफ्फरपुर से हाजीपुर जाने में दो घंटे लगते थे,
अब यह सफर मात्र 40 मिनट में पूरा हो जाएगा।
यह सड़क हमारे लिए राहत और रफ्तार दोनों लेकर आई है।”

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निष्कर्ष — बाईपास से खुलेगा विकास का नया अध्याय

Hajipur Muzaffarpur Bypass Opening ने बिहार के लिए एक नई विकास कहानी लिखी है।
यह सड़क न सिर्फ ट्रैफिक जाम से राहत दिलाएगी, बल्कि
औद्योगिक निवेश, रोजगार सृजन और व्यापारिक सुगमता का भी केंद्र बनेगी।

15 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद यह परियोजना अब उत्तर बिहार की जीवनरेखा बन चुकी है।
लोगों के चेहरों पर अब राहत, गर्व और उम्मीद की मुस्कान है —
क्योंकि यह बाईपास सिर्फ सड़क नहीं, विकास का नया अध्याय है।

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