“मैं निर्दोष हूँ: लालू | हम मुक़दमा करेंगे : राबड़ी | IRCTC 2004-2009 घोटाले में कोर्ट का बड़ा फैसला – जानें कोर्ट रूम में क्या हुआ”

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IRCTC घोटाला मामले में लालू यादव को मुख्य आरोपी, राबड़ी और तेजस्वी पर भी आरोप तय हुए
Highlights
  • • IRCTC 2004-2009 घोटाला मामले में कोर्ट ने तय किए आरोप • लालू यादव बोले – “मैं निर्दोष हूँ”, राबड़ी ने कहा – “हम मुक़दमा करेंगे” • कोर्ट ने लालू को मुख्य आरोपी और राबड़ी-तेजस्वी को सह आरोपी बनाया • भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की धाराओं में केस चलेगा • बिहार चुनाव 2025 से पहले RJD को बड़ा झटका

बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है।
IRCTC 2004-2009 घोटाला मामले में आज कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए लालू प्रसाद यादव को मुख्य आरोपी घोषित किया है।
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भी आरोप तय कर दिए गए हैं।
कोर्ट रूम में हुई इस सुनवाई ने बिहार के सियासी माहौल को और गर्मा दिया है।

कोर्ट रूम में क्या हुआ? लालू बोले – “मैं निर्दोष हूँ”

आज सुबह 10 बजे दिल्ली की सीबीआई विशेष अदालत में सुनवाई शुरू हुई।
जज ने सबसे पहले लालू यादव से पूछा —

“क्या आप अपना अपराध स्वीकार करते हैं?”
इस पर लालू ने साफ कहा —
“मैं निर्दोष हूँ, मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।”

इसके बाद राबड़ी देवी से पूछा गया कि क्या वे आरोप समझती हैं?
राबड़ी ने जवाब दिया —

“यह केस गलत है, हम मुक़दमा करेंगे।”

तेजस्वी यादव ने भी कहा कि यह मामला पूरी तरह “राजनीतिक साजिश” है।
कोर्ट ने तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश (IPC धारा 420, 120B) के तहत आरोप तय किए हैं।

“मैं निर्दोष हूँ: लालू | हम मुक़दमा करेंगे : राबड़ी | IRCTC 2004-2009 घोटाले में कोर्ट का बड़ा फैसला – जानें कोर्ट रूम में क्या हुआ” 1

कोर्ट ने लालू परिवार पर लगाया गंभीर आरोप

कोर्ट ने कहा कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए सरकारी पद का दुरुपयोग किया और साजिश के तहत निजी लाभ लिया।
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भी साजिश में शामिल होने का आरोप है।
जज ने साफ कहा —

“यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिसमें पद का गलत इस्तेमाल हुआ।”

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मामला Prevention of Corruption Act के तहत आएगा और ट्रायल जल्द शुरू होगा।

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क्या है IRCTC 2004-2009 घोटाला?

यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे।
सीबीआई के अनुसार, रांची और पुरी स्थित IRCTC के दो होटलों के रखरखाव का ठेका “सुझाता होटल्स” नामक निजी कंपनी को गलत तरीके से दिया गया था।
बदले में लालू परिवार को पटना में कीमती जमीन दी गई थी।
CBI ने कहा कि यह quid pro quo deal थी — यानी लाभ के बदले में लाभ।

जांच और FIR का इतिहास

17 जुलाई 2017 को CBI ने लालू यादव समेत 5 लोगों पर FIR दर्ज की थी।
इसके बाद 12 ठिकानों पर छापेमारी हुई और कई दस्तावेज़ जब्त किए गए।
जांच में सामने आया कि टेंडर की प्रक्रिया में कई अनियमितताएं थीं और चयन प्रक्रिया जानबूझकर सुझाता होटल्स के पक्ष में मोड़ी गई थी।

बिहार चुनाव से पहले RJD के लिए बढ़ी चुनौती

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले यह फैसला राजद (RJD) के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
लालू परिवार इस वक्त पूरे चुनावी मोड में है और यह केस पार्टी की छवि पर असर डाल सकता है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि “यह फैसला चुनावी समीकरण बदल सकता है।”
वहीं, विपक्ष ने कहा है —

“यह भ्रष्टाचार पर कानून की जीत है।”

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जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

सुनवाई के बाद जब लालू, राबड़ी और तेजस्वी कोर्ट से बाहर निकले, उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।
लेकिन सोशल मीडिया पर #IRCTCScam और #LaluYadav तेजी से ट्रेंड करने लगे।
समर्थक इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बता रहे हैं, जबकि विरोधी “सच्चाई की जीत” कह रहे हैं।

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