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बिहार विधानसभा चुनाव का एलान होते ही उम्मीदवारों के नामांकन का दौर शुरू हो चुका है. ऐसे में अभी जेडीयू और लोजपा के बीच बड़े दांव का खेल चल रहा है. एनडीए से अलग होने के बाद चिराग ने तो जैसे ठान ही लिया है कि सीएम नीतीश कुमार को हराकर ही मानेंगे। इसी कड़ी में अब चिराग पासवान को बड़ा झटका लगा है. पूर्व विधायक और एलजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील पांडे ने पार्टी को अलविदा कह दिया है.

सुनील पांडे ने कहा है कि वह तरारी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. लगातार क्षेत्र की जनता और समर्थक उनकी उम्मीदवारी का इंतजार कर रहे थे और अब उन्होंने पार्टी के बंधन से मुक्त होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. सुनील पांडे आज ही अपना नामांकन दाखिल करेंगे.

आपको बता दें कि सुनील पांडेय के ऊपर कई सारे आपराधिक मामले दर्ज हैं. सुनील पांडेय पर कई हत्या, अपहरण समेत दो दर्जन मामले दर्ज हैं. सुनील सबसे पहली बार 2000 में पीरो विधानसभा से समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और वह जीत गए. उसके बाद वह जेडीयू के टिकट पर कई बार चुनाव जीते हैं. इस बीच वह जेडीयू से अलग हो गए और वह एलजेपी में शामिल हो गए. 2015 में उनकी पत्नी को एलजेपी ने तरारी से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह विधानसभा का चुनाव हाए गए थे.

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