मधेपुरा जिले में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला. वहीं विपक्षी पार्ट के नेता अनोखे अंदाज में प्रदर्शन करते नजर आये. एक तरफ बंद समर्थक केंद्र सरकार द्वारा लाये गए नए कृषि कानूनों के विरोध में गाना गाते नजर आये वहीं दूसरी तरफ राजद नेता सड़क पर लाठी लेकर प्रदर्शन करते नजर आये.
बंद समर्थकों ने सड़क जाम करने की कोशिश की और साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी ने तीनों नए कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए सड़क पर आगजनी भी की.
खगड़िया में भारत बंद को लेकर बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्य्क्ष ने NH 31 पर लकड़ी के चूल्हे पर रोटी सेंककर और गले में रोटी की माला पहनकर अनोखे तरीके से भारत बंद कार्यक्रम में भाग लिया। कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान भारत बंद को लेकर उन्होंने कहा 9 दिसंबर को यदि सरकार से सकारात्मक वार्ता नहीं होती है तो अनिश्चितकालीन आंदोलन चलेगा। वे सड़क पर ही रोटी बनाकर खाएंगे और आंदोलन को साथ देने वाले को खिलाएंगे। इसके लिए सतुआ चिकस लेकर दिल्ली कूच की भी बात कही।
पूर्णिया में नए कृषि कानून के विरोध में भारत बंद के आह्वान का पूर्णिया में भी मिला जुला असर है। गांव से लेकर शहर तक बंद का असर दिख रहा है। बसें और ऑटो रिक्शा बंद हैं। इससे आवागमन प्रभावित हैं। मुख्य बाजारों में भी दुकानें पूरी तरह से बंद हैं। बंद को विपक्षी दलों का भी समर्थन है। सभी विपक्षी दलों के नेता भी सड़कों पर उतर आए हैं।
किसान बिल के विरोध में भागलपुर में भी महागठबंधन ने शहरी क्षेत्र को बंद कराया। सुबह से कई दलों के लोग जुलूस निकालते हुए अलग-अलग सड़कों पर घूमते रहे और मुख्य रूप से स्टेशन चौक पर प्रदर्शन किया। महागठबंधन के पांचों घटक दल राजद कांग्रेस भाकपा माले, भाकपा, माकपा सहित अन्य कई संगठनों ने बंद में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
विभिन्न संगठन कभी अलग-अलग तो कहीं एक होकर बंद कराते दिखे। मुख्य रूप से ये लोग बाजार को बंद करा रहे थे। खलीफाबाग चौक पर भी इन लोगों ने बैरिकेडिंग कर दी थी ताकि गाड़ियां आ जा ना सके। मुख्य बाजार के दुकानदारों ने सुबह से अपनी दुकान तोड़फोड़ के डर से नहीं खोले। हालांकि किसी भी पार्टी के समर्थकों ने कहीं तोड़फोड़ नहीं की।