दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में ‘Land for Jobs’ मामले की सुनवाई स्थगित
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सोमवार को उस सुनवाई की प्रतीक्षा थी, जो ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले से जुड़ी थी। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव मुख्य आरोपी हैं। हालांकि तकनीकी दिक्कतों के कारण अदालत ने कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाया और सुनवाई को अब 10 दिसंबर 2025 तक स्थगित कर दिया गया।
कोर्ट ने बताया कि अगली तारीख पर सभी आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। यह तारीख इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि उसके बाद यह साफ होगा कि केस किस दिशा में जाएगा और ट्रायल की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी।
Land for Jobs Scam: मामले का राजनीतिक और कानूनी महत्व
‘Land for Jobs’ घोटाले को लेकर यह मामला कई बड़े राजनीतिक चेहरों से जुड़ा है। लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव मुख्य आरोपियों में शामिल हैं। इसके अलावा तेज प्रताप यादव, मीसा भारती और हेमा यादव के नाम भी केस रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
सीबीआई की जांच के अनुसार, वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेलवे भर्ती प्रक्रिया के दौरान कुछ उम्मीदवारों से नौकरी दिलाने के बदले जमीन कम दामों पर ली गई। आरोप है कि यह जमीन परिवार या रिश्तेदारों के नाम कराई गई और उसके बाद उम्मीदवारों को रेलवे विभाग में नौकरी दे दी गई। इसी कारण इसे ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाला कहा जाता है।
राजनीतिक हलकों में इसे सत्ता और पैसों के बीच गहरे रिश्ते का उदाहरण भी माना जा रहा है। अदालत ने इस मामले की गूढ़ता और राजनीतिक असर को देखते हुए चार्ज फ्रेमिंग पर अपना फैसला स्थगित किया।
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Land for Jobs Scam: कोर्ट की कार्रवाई और अगली सुनवाई

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब 10 दिसंबर 2025 को अगली सुनवाई होगी। इस दौरान सीबीआई को निर्देश दिया गया है कि वह सभी आरोपियों की अद्यतन स्थिति रिपोर्ट पेश करें। अदालत का यह कदम यह दर्शाता है कि केस की जांच और आरोपों की प्रकृति को गंभीरता से देखा जा रहा है।
इस मामले में चार्ज फ्रेमिंग पर फैसला स्थगित होने से लालू परिवार को फिलहाल राहत मिली है। अदालत ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी आरोपियों की स्थिति और सीबीआई की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए ही आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी।
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Land for Jobs Scam: राजनीतिक और सार्वजनिक प्रतिक्रियाएँ
राजनीतिक और मीडिया गलियारों में इस मामले को लेकर चर्चा तेज है। सवाल उठ रहे हैं कि यह केवल आरोपों का मामला है या फिर लालू परिवार के राजनीतिक करियर पर इसका बड़ा असर पड़ेगा।
सुनवाई स्थगित होने के बाद विपक्ष और समर्थक दोनों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आगामी सुनवाई में अदालत का निर्णय न केवल केस की दिशा तय करेगा बल्कि बिहार की राजनीति पर भी असर डाल सकता है।
जनता और मीडिया की नजर अब 10 दिसंबर 2025 की सुनवाई पर टिकी है, जब अदालत आरोपों की गंभीरता पर फैसला करेगी और तय करेगी कि केस ट्रायल की ओर बढ़ेगा या अन्य दिशा में जाएगा।
Land for Jobs Scam: भविष्य की संभावनाएँ और निष्कर्ष
‘Land for Jobs’ घोटाले की सुनवाई ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है। लालू परिवार के नेताओं की राजनीतिक स्थिति, अदालत की सुनवाई और सीबीआई की जांच रिपोर्ट इस मामले के भविष्य को तय करेंगी।
10 दिसंबर की सुनवाई यह साफ कर देगी कि मामले की प्रक्रिया किस तरह आगे बढ़ेगी और आरोपियों की किस्मत क्या होगी। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मामला प्रशासनिक भ्रष्टाचार और राजनीतिक सत्ता के बीच के जटिल रिश्तों को उजागर करता है।
इस प्रकार, दिल्ली की अदालत में स्थगित सुनवाई और आगामी तारीख तक के घटनाक्रम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण है।
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