टर्फ एरिना 29 अप्रैल, 2022 को पटना में खिलाड़ियों को एक ऐसे स्थान (अटल पथ) पर अत्याधुनिक सुविधा प्रदान करने के मिशन के साथ लॉन्च किया गया, जो उनके लिए आसानी से सुलभ हो। बिहार के पहले एस्ट्रो टर्फ फुटबॉल मैदान और क्रिकेट के लिए 4 एस्ट्रो टर्फ पिचों के साथ, एक क्रॉसफिट जिम और 24×7 स्पोर्ट्स एलईडी लाइटिंग सुविधा के साथ टर्फ एरिना, बिहार में सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल और क्रिकेट सुविधा अकादमी है।
विकास वैभव आई पी एस, स्पेशल सेक्रेटरी, गृह विभाग, बिहार सरकार ने शाम 6.15 (गोधुली वेला) में रिबन काटकर “टर्फ अरीना ” का उद्घाटन किया है।
टर्फ अरीना के अंदर चार क्रिकेट एस्ट्रो पिच है। एक 8400 स्क्वायर फीट ऐरिया फिल्डिग एवं कैच प्रैक्टिस के लिए है।
फुटबॉल खेल के लिये अलग से 50 एमएम का स्क्वायर टर्फ लगा हुआ है जो बच्चों के पैरो को चोट से बचायेगा।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खेल कूद का मैदान पटना में बनाना आसान काम नही था, लेकिन टर्फ अरीना के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज सिंह ने 11 महिने ना बरसात, ना ठंड ना गर्मी की परवाह किए बिना, अपने गाँव ” खरीका, सोनपुर ” के अनेकों मजदूरों को एवं अटल पथ के आसपास रहने वाले मजदूरों एवं बालू गिट्टी इत्यादी सप्लायर को समझा कर, ये काम किया है। अनेकों बार समस्या खड़ा हुआ तो उनके बेटे उद्भव सिंह जो टर्फ अरीना के सीईओ एवं फाऊन्डर डायरेक्ट हैं ने समस्याओं को आसानी से हल निकाला
महामारी ने हमें यह भी दिखाया है कि अच्छा स्वास्थ्य जीवित रहने का एक अभिन्न अंग है और इसके लिए शारीरिक गतिविधि महत्वपूर्ण है। इसे ध्यान में रखते हुए, टर्फ एरिना न केवल प्रो खिलाड़ियों के लिए बल्कि उन लोगों के लिए भी एक मंच प्रदान करता है जो अपने दोस्तों और परिवार के साथ अच्छी गुणवत्ता वाले स्वस्थ समय बिताने में रुचि रखते हैं।
सभी महानगरों में ऐसी सुविधाएं हैं जो बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देती हैं। इस उद्देश्य के साथ, टर्फ एरिना विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों के लिए क्रिकेट और फुटबॉल दोनों के लिए अकादमियों का शुभारंभ कर रहा है। लॉन्च पर, संस्थापक- उद्धव सिंह ने कहा कि यह विचार उनके पास आया क्योंकि वह उन संघर्षों से अवगत हैं जो एक खिलाड़ी को नियमित प्रशिक्षण और खेलने के लिए बुनियादी ढांचा खोजने के लिए होता है।
टर्फ अरीना 30 अप्रैल 2022 से शो योर टैलेंट इन समर कैंप बोलकर लगभग 32 दिनों का क्रिकेट और फुटबॉल के लिये अलग—अलग समय और अलग—अलग उम्र के बच्चे बच्चियों का बैच बना रहे हैं । इसके बाद ये बच्चो के परफार्मेंस को देखते हुए 1 जून 2022 से क्रिकेट में 5 वर्ष से 8 वर्ष, 9 वर्ष से 11 वर्ष, 12 वर्ष से 16 वर्ष के बच्चे बच्चियों का का बैच बनायेंगे और बेहतरीन कोच इसकी ट्रेनिंग देंगे । इनका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ बिहार के बच्चों को आगे लेकर जाना है। यहां हाँकी, कबड्डी, योगा, क्रांस फीट जिम भी है एवं फूड कोर्ट/कैफे भी रहेगा ।
क्रिकेट एवं फुटबॉल के लिये जमीन पर लगने वाला टर्फ विदेशों से मंगवाया गया है। बारिश का पानी जमा नही हो इसके लिए बेहतरीन ड्रेनेज सिस्टम बनाया गया है । अंधेरा को उजाला में बदलने के लिए लगभग 4000 वाट का एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। टर्फ अरीना स्पोर्टस काम्पलैक्स का मैदान चारो तरफ और उपर से विदेश से आएं जाली (नेट) से घिरा हुआ है। मैनेजिंग डायरेक्टर और फाऊन्डर डायरेक्ट का मकसद था कि जमीन पटना के अंदर ऐसे स्थान पर हो जहाँ स्कूल कालेजों में पढने वाले बच्चे बच्चियों को आने जाने में कम से कम समय लगे । अभिभावकों को भी आने जाने का खर्च कम से कम हो। इसलिए तो अटल पथ पर स्थित ” टर्फ अरीना” पटना के लगभग 15 मोहल्ले को 3 मिनट से लेकर 8 मिनट के अंदर कवर करता है। चारों तरफ से उँची दीवारें बच्चों को सेफ जोन में रखने का दावा करती है। पंकज सिंह जी का कहना है कि किसी के भाग्य से ही कुछ संभव होता है। और ये भाग्य पटना/बिहार के बच्चों का ही है जो ये मैंदान बन सका। उन्होंने आगे कहा कि सभी अभिभावक यही चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़—लिखकर बड़ा आदमी बने, लेकिन बच्चों के लिये खेल कूद भी शक्ति ब!बढाता है। घरों से जितना नजदीक खेल कूद का बेहतरीन मैदान हो तो बच्चों की पढाई में कोई बाधा नहीं होगा। जब इस जमीन के मालिक राहुल जी और अंकित जी से इनकी मुलाकात हुई तो जमीन मालिक इनके आईडिया को सुनकर उछल गये। ना सिर्फ जमीन मालिकों ने इन्हे जमीन सौंपा बल्कि अनेकों प्रकार से मदद् भी किया।
फाऊन्डर डायरेक्ट उद्भव सिंह 2015 से ही पटना से बाहर बैंगलोर फुटबॉल की ट्रेनिंग लेने चले गये थे। उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उनका चयन स्कॉटलैंड में हुआ और वहां भी उनकी ट्रेनिंग चली। उसके बाद स्पेन के एक फुटबॉल क्लब की नजर उनपर पडी तो 2018 में वो स्पेन चले गये। उनका प्रदर्शन काफी अच्छा चल रहा था लेकिन 2020 के कोरोना बीमारी के कारण वो लगभग 4 महिनों तक स्पेन में छुपकर और बचकर रहे । इस बीच उनकीं दादी वेणु सिंह जी का निधन पटना में हो गया । लौक डाउन के कारण वो पटना नही आ पाएँ। स्पेन से लौटने के बाद उन्होंने अपने पिता को ये प्रोजेक्ट विस्तार से समझाया। फिर क्या था, दोनों डायरेक्ट भीड़ गये, लेकिन अचानक 2021 में कोरोना महामारी फिर से फैला और काम रुक गया। जब हालात ठीक हुए तो 11 महिने के मेहनत के बाद ये कल उदघाटन हुआ।
टर्फ अरीना के लिए मदद् करने वालों में सबसे बड़ा नाम अधिवक्ता प्रणव कुमार जी का है। इन्होंने अनेकों प्रकार से मदद् किया है । पटना के गोल्ड जिम के मालिक आकाश जी एवं अभियंता सुनील जी ने भी अपना पूरा योगदान दिया है। लोहा का काम करने वाले मनोज जी अगर नही होते तो ये काम संभव नही होता। सुपरी जी, दिवाकर जी
पर्दुमन जी, प्रमोद कुमार जी, तौकिर जी, ने भी अपना भरपूर कार्य योगदान दिया है। जीवन ज्योती जी (सीए) ने हर तरह से मदद् किया है। फाऊन्डर डायरेक्ट सबसे बड़ी बहन सोम्या सिंह, सीनियर साइंटिस्ट, अमेरिका ने सबसे पहले अपने छोटे भाई को फानेनशियल मदद् की । बड़ी बहन सृष्टि सिंह जो प्रेसिडेंट नैशनल लौ स्कूल औफ इण्डिया युनिवर्सिटी बेंगलोर थी और आज पटना में अधिवक्ता है वो भी पीछे रहने वाली कहाँ थी। अपने भाई के मदद् के लिये लीगल दस्तावेज बनाने में मदद् की।