पटना की राजनीति गुरुवार को उस वक्त गर्म हो गई जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राजधानी में महिला सशक्तिकरण संवाद का आयोजन किया। इस संवाद में हजारों की संख्या में महिलाएं जुटीं और उनके सामने तेजस्वी यादव ने न सिर्फ अपनी भावनाएं साझा कीं, बल्कि कई बड़े वादे और घोषणाएं भी कीं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी और अधिकार सुनिश्चित करना ही उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने साफ कहा कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है तो माई बहिन मान योजना को लागू किया जाएगा। यही नहीं, महिलाओं के लिए दो नई योजनाएं—मां योजना और बेटी योजना—भी शुरू की जाएंगी।
तेजस्वी ने कहा, “मां शब्द सुनकर ही सुकून और सुरक्षा की भावना आती है, लेकिन बिहार की माताओं और बहनों की तकलीफ को अब तक किसी ने गंभीरता से नहीं समझा। राज्य की गरीबी, बेरोजगारी और पलायन का बोझ सबसे ज्यादा महिलाओं पर ही पड़ता है।” उन्होंने बताया कि जब परिवार का कोई सदस्य रोज़गार के लिए दूसरे राज्य चला जाता है, तब पूरे परिवार की जिम्मेदारी महिलाओं के कंधों पर आ जाती है।
उन्होंने बिहार की बदहाल व्यवस्था और बढ़ते भ्रष्टाचार पर भी तीखा हमला बोला। तेजस्वी यादव ने कहा कि ब्लॉक से लेकर थाने तक, बिना घूस दिए कोई काम नहीं होता। बच्चों के लिए शिक्षा की स्थिति खराब है, कई गांवों में स्कूल तक नहीं हैं। सड़क और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है।
तेजस्वी ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने याद दिलाया कि जब उनकी सरकार 17 महीने के लिए सत्ता में थी, तब 5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई थी। नियुक्ति पत्र उनके हाथों से बंटवाए गए थे। यह इस बात का सबूत है कि रोजगार देना उनके लिए सिर्फ वादा नहीं, बल्कि प्राथमिकता है।
महिला संवाद के दौरान महिलाओं की समस्याओं को सामने रखते हुए उन्होंने कहा कि समाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ आज भी बेहद कम है। महिलाओं ने शिकायत की कि उन्हें अब भी केवल 400 रुपये पेंशन मिल रहा है। इस पर तेजस्वी ने घोषणा की कि उनकी सरकार बनने पर पेंशन की राशि 1500 रुपये कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी तंज कसा कि उनकी घोषणा की नकल करते हुए मौजूदा सरकार ने पेंशन की राशि 1100 रुपये तक बढ़ाई है।
सभा के दौरान तेजस्वी यादव ने महिलाओं से सीधे जुड़ते हुए कहा कि “बिहार की महिलाएं अक्ल में नंबर वन हैं, लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री नकल में नंबर वन हैं।” उनकी यह टिप्पणी सभा में मौजूद भीड़ के बीच गूंज उठी।
नवरात्रि के अवसर पर इस संवाद को खास महत्व मिला। हजारों महिलाओं की मौजूदगी इस बात का संकेत थी कि महागठबंधन की रणनीति महिलाओं को केंद्र में रखकर आगे बढ़ रही है। तेजस्वी ने कहा कि यह भीड़ इस बात का सबूत है कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है।
स्पष्ट है कि महागठबंधन की रणनीति आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं और युवाओं पर फोकस करने की है। महिलाओं को सीधा लाभ देने वाली योजनाओं का ऐलान करके तेजस्वी यादव ने चुनावी शतरंज की चाल चल दी है। अब देखना होगा कि जनता इसे कितना स्वीकार करती है और नीतीश सरकार इसके जवाब में क्या रणनीति बनाती है।