लाइव बिहार: किसानों के समर्थन में मंगलवार को देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. 8 दिसंबर को बुलाये गए भारत बंद में तमाम राजनीतिक पार्टियां भी सड़क पर दिखीं. भारत बंद का असर पूरे बिहार में देखने को मिला. पटना में जाप सुप्रीमो पप्पू यादव, कांग्रेस के बड़े नेता और वामदल के भी कई नेता सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करते दिखे लेकिन आश्चर्य की बात है कि बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भारत बंद में कहीं भी नहीं दिखे.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि “किसान के बच्चे ही सीमा पर देश की रक्षा करते है और किसान के अन्न से ही देश का पेट भरता है. अगर किसान के बेटे जवान और किसान स्वयं झुक गए तो देश झुक जाएगा. हम हर संघर्ष में दृढ़ता के साथ अन्नदाताओं संग कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है. धनदाताओं के पिछलग्गूओं बिना अन्न क्या धन खाओगे ?” मंगलवार को होने वाले भारत बंद को लेकर ही तेजस्वी ने ऐसा कहा लेकिन उन्होंने खुद ही इस बड़े आंदोलन से दुरी बना ली.
तेजस्वी के इस प्रदर्शन में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर एफआईआर भी किया गया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष समेत उनकी पार्टी के कई विधायकों के खिलाफ भी पत्नजिला प्रशासन ने एक्शन लिया और प्राथमिकी दर्ज कराई. प्रशासन की इस कार्रवाई पर तेजस्वी ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि “किसानों के लिए अगर सरकार मुझे फांसी पर लटका देगी तो मंजूर होगा.”
तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “डरपोक और बंधक मुख्यमंत्री की अगुवाई में चल रही बिहार की कायर और निक्कमी सरकार ने किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के जुर्म में हम पर FIR दर्ज की है. दम है तो गिरफ़्तार करो, अगर नहीं करोगे तो इंतज़ार बाद स्वयं गिरफ़्तारी दूँगा. किसानों के लिए FIR क्या अगर फाँसी भी देना है तो दे दिजीए.”