बिहार विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान होना अभी बाकी है। इसी बीच महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं काफी तेज हो गई है। राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के पटना स्थित आवास पर शनिवार को हुई बैठक में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को भी महागठबंधन में शामिल किया गया। इसके अलावा पहले से राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, वामपंथी दलों और विकासशील इंसान पार्टी शामिल है।
महागठबंधन की इस बैठक में सीट बंटवारे पर व्यापक सहमति बनी और 15 सितंबर तक इसकी औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम के मुताबिक बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई, जिसमें सभी घटक दलों ने सीटों के बंटवारे पर सहमति जताई। उन्होंने ने कहा कि पिछले चुनावों के उलट, इस बार कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेंगे।
राजेश राम ने कहा कि राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा की सफलता से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस अन्य सहयोगियों की सीटें हड़प लेगी। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लवरु ने कहा कि बातचीत सार्थक रही। सीटों से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महागठबंधन में नए सहयोगी आ रहे हैं। नए सहयोगी लाने के लिए सभी दलों को अपने हितों का त्याग करना होगा, हालांकि, उन्होंने 70 सीटों पर अपने दावे की पुष्टि नहीं की।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी ने कहा कि गठबंधन में अच्छी और बुरी सीटों का बंटवारा उचित तरीके से होना चाहिए। इसे सभी दलों के बीच तार्किक रूप से वितरित किया जाना चाहिए। ऐसा न हो कि एक पार्टी को अच्छी सीटें मिलें और दूसरी पार्टी को बुरी सीटें। इसे संतुलित तरीके से करने का प्रयास किया जा रहा है। अंतिम निर्णय में इसका संतुलन देखा जाएगा।
बता दें कि महागठबंधन में फिलहाल राजद, कांग्रेस, वीआईपी और वामपंथी दल शामिल हैं। इसके अलावा झामुमो और रालोजपा के भी लंबे समय से महागठबंधन में शामिल होने की चर्चा थी, जो अब ये तय हो गया है कि इन दोनों पार्टियों को भी कुछ सीटें दी जाएंगी।
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