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मधेपुरा: मधेपुरा में बीपीएससी से बहाल लगभग साढ़े तीन सौ शिक्षकों पर गाज गिर सकती है। शिक्षा विभाग ने जिले में सीटीईटी में 60 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले 347 बीपीएससी शिक्षकों की सूची जारी की है। इनमे दूसरे राज्य के शिक्षक भी शामिल हैं। ऐसे शिक्षकों को जांच के लिए डीईओ कार्यालय बुलाया गया है।
सूची में शामिल शिक्षकों को सभी कागजात जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में फोल्डर के साथ जमा करने का निर्देश दिया गया है। कागजात में एसटीईटी का अंक पत्र, जाति, आय, आवासीय प्रमाण पत्र, आधार नंबर, पैन कार्ड सहित अन्य कागजात शामिल है।

सभी कागजातों की मूल प्रति और एक-एक अभिप्रमाणित छायाप्रति फोल्डर फाइल में देकर जांच के लिए संबंधित अभ्यर्थी को जमा करने का निर्देश दिया गया है। इसमें आलमनगर प्रखंड से 30, चौसा से 17, बिहारीगंज से 12, घैलाढ़ से 31, गम्हरिया से 27, कुमारखंड से 34, ग्वालपाड़ा से 21, मधेपुरा से 40, मुरलीगंज से 40, शंकरपुर से 19, पुरैनी से 22, सिंहेश्वर से 25 और उदाकिशनगंज से 29 शिक्षक शामिल है।

बताया गया कि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब उत्तर प्रदेश की एक महिला शिक्षक अभ्यर्थी को सीवान में सीटीईटी में 60 प्रतिशत, यानी 90 अंक से कम अंक पर नियुक्ति पत्र देने से रोक दिया गया। वह इस मामले को पटना हाईकोर्ट ले गई और दावा किया कि 90 प्रतिशत से कम अंक पर उनके ही राज्य के अन्य अभ्यर्थियों को बिहार के दूसरे जिले में नियुक्ति पत्र दिया गया है।

पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग और बिहार लोक सेवा आयोग से जबाब मांगा। इसके बाद शिक्षा विभाग ने TRE-1 में वर्ग 1 से पांचवी में सीटीईटी और बीटीईटी पेपर वन में बहाल हुए 60 प्रतिशत यानी 90 से कम अंक वाले सामान्य श्रेणी व दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने की बात कही है।

इसके बाद मधेपुरा के विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत 347 शिक्षकों को चिह्नित किया गया है। इस मामले को लेकर डीईओ मो. सईद अंसारी ने कहा कि बीपीएससी से प्रथम चरण में बहाल 60 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी। जांच के बाद गड़बड़ी पाए जाने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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