पटनाः बिहार की एक सीट पर होने वाले विधान परिषद उपचुनाव के लिए जदयू (JDU) ने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है। एनडीए गठबंधन के तहत ललन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया गया है। बता दें कि ललन प्रसाद अतिपिछड़ा समाज के धानुक जाति से आते हैं और सीएम नीतीश के काफी करीबी बताए जा रहे हैं, जो शेखपुरा के रहने वाले हैं।
दरअसल, लालू परिवार के करीबी आरजेडी के पूर्व एमएलसी सुनील सिंह की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई विधान परिषद की एक सीट एनडीए में जेडीयू के खाते में आई है। जेडीयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में एनडीए ने ललन प्रसाद को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के साथ गठबंधन के अन्य नेता मौजूद रहे।
ललन प्रसाद जदयू के जमीनी नेता हैं और छात्र जीवन से ही सीएम नीतीश कुमार के साथ राजनीति करते आए हैं। ललन प्रसाद अति पिछड़ा समाज से आते हैं और धानुक जाति के हैं। 52 साल के ललन प्रसाद पार्टी के स्थापना काल से जनता दल यूनाइटेड से जुड़े हुए हैं। 2001 से 2005 तक घाट कुसुंबा प्रखंड के जेडीयू अध्यक्ष रहे। साल 2009 से 2013 तक शेखपुरा में जेडीयू के जिला उपाध्यक्ष रहे। इसके साथ ही स्थावां के विधानसभा प्रभारी का दायित्व भी पार्टी ने उन्हें सौंपा था। ललन प्रसाद शेखपुरा के जिला परिषद सदस्य और उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वह शेखपुरा में पार्टी और संगठन विस्तार के लिए लगातार सक्रिय रहे हैं।
जेडीयू नेता ललन प्रसाद समता पार्टी के गठन के समय से ही काफी सक्रिय रहे और पूरी निष्ठा के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी और संगठन के लिए काम करते रहे। वह तीन बार जिला पार्षद रहे है और उनकी छवि एक बेदाग नेता के रूप में है। एनडीए ने सर्व सम्मति से उन्हें एमएलसी उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है।
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