पहले दाखिल-ख़ारिज होगा, उसके बाद होगा भूमि सर्वे: जब तक पूरे दस्तावेज उपलब्ध नहीं होगे, तब तक नहीं होगा सर्वे

By Team Live Bihar 24 Views
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पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार में जब तक जनता को भूमि संबंधी सभी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा दिया जायेगा तब तक भूमि सर्वे नहीं होगा। विधान परिषद में भाकपा सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह के प्रश्न का उत्तर देते हुए यह घोषणा की। श्री सिंह ने प्रश्नोत्तर काल में भूमि सर्वेक्षण में दस्तावेजों की अनुपलब्धता सम्बन्धी सवाल पूछा था। मंत्री ने कहा कि बहुत से जगहों का खाता-खतियान काफी पुराना हो गया है। इसलिए भूमि सर्वे में समस्या आ रही है। इसको जल्द दूर कर लिया जाएगा।

प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा कि भले ही सरकार की ओर से कहा जा रहा हो कि बिहार में सर्वेक्षण कार्य सुचारू रूप से चल रहा है, लेकिन बिहार भूमि सर्वेक्षण से आम लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि रजिस्टर टू में कई भूमि धारक के नाम दर्ज नहीं है। इससे राज्य की जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि विभाग सिर्फ फाइलों में आंकड़े जुटा रहा है। उसके बाद विपक्ष के सदस्य ने कहा कि प्रखंड में जो सीओ दफ्तर है, उसके अंदर सबसे अधिक गलत काम किए जा रहे हैं। इसको लेकर सरकार क्या कर रही है? इससे गरीब जनता काफी परेशान है। इसका जवाब देते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा कि मेरा मुंह मत खोलवाइए। एक ईमानदार मंत्री आपके सामने है। मैं भरोसा दिलाता हूं कि सब सही कर दूंगा। उन्होंने कहा कि कई जगहों का खतियान काफी पुराना है। उसे दीमक द्वारा बर्बाद करने के कारण सही खाता खेसरा नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से उसमें रोक लगाया गया है।

उन्होंने कहा कि अब रैयतों को पहले पहले दाखिल खारिज का कागज उपलब्ध कराया जाएगा उसके बाद सर्वे किया जाएगा। बिहार में जमीन का विवाद बहुत पुराना है। जो समस्या बताई जा रही है। उसको लेकर काम किया जा रहा है। बिहार में सर्वे का काम पूरा हुआ तो जमीनी विवाद खत्म हो जाएगा। इसको लेकर पूरा वर्क आउट किया जाएगा। किसी तरह कि कोई समस्या नहीं रहेगी। इसको लेकर हमलोग काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी जवाब यही हो सकता है। यानी सर्वेक्षण से किसी प्रकार के परेशानी नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा कि जो सर्वे कराना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है। बिहार के थानों में करीब 37 फीसदी मामले जमीन के ही हैं। कोर्ट में दादा केस करते हैं और पोता तक केस लड़ते रहते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साहसिक कदम उठाया।अगर यह सर्वे हो जायेगा तो जमीन की समस्या खत्म हो जाएगी। बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों में सर्वे हो चुका है, लेकिन बिहार में यह काम शेष है। सर्वे को लेकर 2012 से मुख्यमंत्री प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को सर्वे से कई किस्म की परेशानी हुई है। इसलिए 3 महीने का समय सर्वे के लिए बढ़ाया गया है। इससे 47 लाख लोगों ने सेल्फ घोषणा की है। इसे जल्द ही जारी करा दिया जायेगा।

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