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Desk: पटना एयरपोर्ट पर नया नेवीगेशन और लैंडिंग सिस्टम लगेगा जिसके द्वारा छोड़े जाने वाले नेवीगेशनल सिग्लन पायलट को 600 किलोमीटर दूर से ही एयरपोर्ट का रास्ता दिखायेगा. साथ ही यह पायलट को लैंडिंग के दौरान भी सहायता देगा. इस पर 9.72 कोरड़ रूपये खर्च होंगे.

राज्य सरकार ने इसके लिये एयरपोर्ट की चहारदीवारी के दक्षिण में स्थित 16.5 एकड़ जमीन में निर्माण कार्य करने की इजाजत दे दी है. जिस जगह को पिछले दिनों नये डीवीओआर(डॉप्लर वेरी हाइ फ्रिक्वेंसी ओमनी रेंज) लगाने और आइसोलेशन बे के निर्माण के लिये चिन्हित किया गया है.

31 मार्च तक पूरा हो जायेगा नया डीवीओआर इंस्टॉलेशन

नये डीवीओआर को लगाने का काम 31 मार्च तक पूरा हो जायेगा. इसे लगाने पर 2.36 करोड़ खर्च किये जायेंगे जबकि उपकरण की कीमत लगभग 3 करोड़ होगी.

नया डीवीओआर लगाने के साथ-साथ वर्तमान में कार्यरत इंस्ट्रूमेंटल लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) को भी बदल दिया जायेगा और अगले कुछ महीनों में नया आइएलएस काम करने लगेगा. नये आइएलएस की कीमत चार करोड़ होगी, जबकि इसे लगाने में 4.36 करोड़ लगेंगे और कुल 8.36 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

बम से उड़ाने की धमकी मिलने वाले विमानों की अन्य विमानों से अलग पार्किंग और छानबीन के लिये दूर स्थित एक पार्किंग बे की पटना एयरपोर्ट पर लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी.

इसी वर्ष इसके निर्माण का काम भी शुरू होगा. साथ ही एयरपोर्ट के रनवे और पार्किंग एरिया के सतह की क्वालिटी को और भी बेहतर बनाने के लिये इनके ऊपर नया बिटुमिनस परत बिछाने का काम भी इस वर्ष किया जायेगा.

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