Desk: वैसे तो 12 बजे चले जाते हैं सीनियर डॉक्टर, लेकिन आज साढ़े 3 बजे भी मुस्तैद नजर आ रहे हैं। नर्स भी तत्पर हैं मरीजों की सेवा में। कोई दुर्गंध नहीं आ रही। आए भी कैसे? फिनाइल से लगातार पोछा लग रहा है। कोना-कोना साफ हो रहा है। बाहर ब्लीचिंग छिड़काव हो रहा है। मच्छर भगाने वाली नगर निगम की गाड़ी फॉगिंग कर मक्खी तक भगा दे रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो आने वाले हैं NMCH में तैयार हुए वैक्सीन सेंटर को देखने। कहीं इधर-उधर घूम गए तो! बस, इसी डर से अधीक्षक दफ्तर का टूटा दरवाजा बन गया। उपाधीक्षक दफ्तर के बाहर पाइप फटने से बह रहा पानी सही जगह पर जाने लगा।
जानकारी थी, इसलिए बिल्डिंग के साथ गार्ड तक चकाचक
बुधवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगे का कार्यक्रम सामने आया कि वह साढ़े 4 बजे NMCH पहुंचेंगे तो भास्कर टीम ने पहले ही पहुंचकर तैयारी देखी। यहां मुख्यमंत्री के आने की जानकारी थी, इसलिए तैयारी चल रही थी। वैक्सीन सेंटर के रूप में तैयार भवन के अंदर-बाहर सबकुछ दुरुस्त। एक नंबर नजर आ रहा था। बिल्डिंग छोड़िए, गार्ड तक चकाचक थे।
दाएं घूमे तो टूटा गेट, बाएं बहता पानी दिखता, हो गया ठीक
मुख्यमंत्री आएंगे कोरोना वैक्सीन सेंटर देखने, लेकिन बाहर निकले और बाईं तरफ NMCH अधीक्षक ऑफिस में टूटा गेट दिख गया तो क्या कहेंगे, इसलिए यह आननफानन में ठीक किया गया। दाएं घूम गए तो फटा पाइप और बहता पानी नजर आ जाएगा। इसलिए, पाइप भी ठीक किया गया और फटाफट सीमेंट-बालू-गिट्टी का मसाला भी भर दिया गया।
कहीं वार्ड न घूम जाएं CM, इसलिए यहां भी सब फिट-फाट
वैक्सीन सेंटर से करीब 150 कदम दूर इमरजेंसी वार्ड है। मुख्यमंत्री ही हैं, कहीं अस्पताल का हाल देखने के लिए वार्ड की तरफ घूम गए तो कौन रोक सकेगा! उन्हें कोई गड़बड़ी नहीं दिखे, इसलिए नर्स पूरी तरह मुस्तैद हैं। कई मरीज भी चौंक गए कि उन्हें उठवाकर साफ चादर क्यों दी गई है। यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री गौर करें तो सफेद चादर के दिन उन्हें हरी और नीली चादर भी बिछी दिख जाएगी। खैर, मरीज संतोष भी कर रहे हैं कि वैसे जो सीनियर डॉक्टर 12 बजे के बाद ढूंढ़ने पर नहीं मिलते थे, आज कहीं-कहीं दिख जा रहे हैं। बुलाने पर बात भी कर रहे हैं। जूनियर भी सामान्य से ज्यादा मुस्तैद हैं, सो अलग।
जहां तक नजर जाएगी, सफाई ही नजर आएगी आज
मुख्यमंत्री के आने की पूर्व सूचना है, इसलिए अस्पताल परिसर में उनकी नजर जहां तक जाएगी, सफाई नजर आएगी। सफाईकर्मियों को भी पता है कि आज सबकुछ चकाचक रखना है। बार-बार पोछा लग रहा है और वह भी फिनाइल की पर्याप्त मात्रा के साथ। कमरों के अंदर, कचरे को हटाकर, गैलरी के कोने-कोने तक झाड़ू भी पहुंचा आज और पोछे का स्टिक भी गया ताकि कहीं गंदगी नहीं दिखे। ब्लीचिंग पाउडर नालों पर छिड़का गया, साथ ही इससे किनारे के हिस्सों में एक तरह की सजावट भी कर दी गई। पार्किंग एरिया तक में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया। मच्छर-मक्खी भगाने के लिए निगम की फॉगिंग मशीन भी तत्पर थी। मुख्यमंत्री के अभिनंदन का पोस्टर भी लग गया।