नीतीश कुमार की फाइल तस्वीर
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पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में जो बातें बोल रहे हैं, वही सियासी जानकारों को हैरान करने लगी हैं। दरअसल विधानसभा में नीतीश कुमार ने दावा कर दिया कि वे अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में केंद्र सरकार में गृह मंत्री थे। जिसपर सत्तापक्ष के लोग मेज थपथपा रहे थे। लेकिन सियासी जानकार हैरान थे, क्योंकि अटल जी के प्रधानमंत्री काल में नीतीश कुमार गृह मंत्री रहे ही नहीं।

तब बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने सरकार से सवाल पूछा था कि वह खिलाडियों को सरकारी नौकरी क्यों नहीं दे रही है. बिहार में 2014 से ही खिलाड़ियों को नौकरी देने की नीति है लेकिन इस सरकार ने नौकरी नहीं दिया. सवाल का जवाब मंत्री विजेंद्र यादव दे रहे थे। बीजेपी विधायक लगातार सवाल पूछे जा रहे थे. इसी दौरान नीतीश कुमार बोलने के लिए उठ खडे हुए।

“सुनिये, बात को भूल रहे हैं. जब श्रद्धेय अटल जी की सरकार थी और उनकी सरकार में हम गृह मंत्री थे तो हमने गृह मंत्रालय में खिलाडियों को नौकरी देने का काम शुरू किया, सबसे पहले देश में.”नीतीश का ये कहना था कि सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपा कर उनकी बात का समर्थन करना शुरू कर दिया. लेकिन विधानसभा में मौजूद कई पत्रकार और राजनेता हैरान थे. अटल जी की सरकार में नीतीश कुमार गृह मंत्री कब थे? लोगों ने एक दूसरे से ये सवाल पूछा. किसी के पास जवाब नहीं था. दरअसल देश में तीन दफे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी. 1996 में अटल जी को पहली दफे प्रधानमंत्री बनाया गया था. सिर्फ 16 दिनों तक ये सरकार चली थी और अटल जी ने इस्तीफा दे दिया था. उस सरकार में मुरली मनोहर जोशी को गृह मंत्री बनाया गया था।

बाद में 1998 में अटल जी की फिर से सरकार बनी जो 13 महीने चली. 1999 में चुनाव हुए तो फिर से अटल जी प्रधानमंत्री बने थे और ये सरकार 2004 तक चली थी. 1998 से लेकर 2004 तक अटल जी की सरकार में लालकृष्ण आडवाणी गृह मंत्री सह उप प्रधानमंत्री थे. कुछ पत्रकारों ने विकीपीडिया से लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के रिकार्ड खंगाल डाले. तमाम रिकार्ड को तलाशने पर भी ये पता नहीं चला कि नीतीश जी कब देश के गृह मंत्री थे. हां, नीतीश कुमार ने 1998 से 2004 तक चली अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेलवे मंत्री, सड़क परिवहन मंत्री और कृषि मंत्री का जिम्मा जरूर संभाला था।

अटल जी के समय देश का गृह मंत्री होने का दावा कर चुके नीतीश कुमार आगे भी बोले. वे खिलाडियों की नियुक्ति पर उठे सवाल का जवाब देना चाहते थे लेकिन उन्हें सवाल ही याद नहीं रहा. सदन में खडे होकर वे पूछने लगे कि सवाल क्या था. मंत्री विजय चौधरी ने उनकी मदद करने की कोशिश की लेकिन नीतीश कुमार विधानसभा की प्रश्न पुस्तिका में सवाल नहीं तलाश पाये. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष के सचिव भी मुख्यमंत्री की मदद करने आये. बड़ी मुश्किल से नीतीश वह सवाल ढूढ पाये जिसका जवाब देने के लिए वे उठ खड़े हुए थे।

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