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कांग्रेस में चिट्ठी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले दिनों पार्टी के 23 दिग्गज नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग की थी. जिसके बाद काफी बवाल मचा था. अब पार्टी के निष्कासित नेताओं ने सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी है.

कांग्रेस पार्टी से निष्कासित नेताओं ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी हित में सोचने की अपील की है. ये चिट्ठी उन 9 नेताओं ने लिखी जिन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पिछले साल निकाल दिया गया था.

इन नेताओं ने सोनिया गांधी से ‘परिवार को मोह’ को त्यागकर पार्टी के हित में सोचने की अपील की. चिट्ठी में लिखा गया कि परिवार के मोह’ से ऊपर उठकर पार्टी में संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को बहाल करते हुए पार्टी को चलाया जाए, जिससे कांग्रेस पार्टी फिर से मजबूती के साथ खड़ी हो सके.

चिट्ठी में कांग्रेस के पूर्व नेताओं ने लिखा कि ऐसे समय में जब देश लोकतांत्रिक मूल्य और सामाजिक सद्भाव के ताने-बाने के बिखराव के संकट से गुजर रहा है, कांग्रेस का जीवंत, गतिशील और मजबूत बने रहना देश के लिए आवश्यक है. और ऐसी परिस्थितियों में संवाद के अभाव में पार्टी हित का चिंतन करना और सुझाव देना अनुशासनहीनता नहीं होती.

बीजेपी ने तंज कसा

कांग्रेस पार्टी में एक के बाद एक चिट्ठी लिखने को लेकर बीजेपी लगातार हमलावर है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मामले पर कांग्रेस पर तंज कसा है. पात्रा ने एक के बाद एक दो ट्वीट कर लिखा है, कांग्रेस में चिट्ठी लिखोगे तो बाहर जाओगे.

पात्रा ने एक गीत के जरिए कांग्रेस पर तंज कसते हुए लिखा कि चिट्ठी आई है, आई है, आई है… बस थोड़े दिनों के बाद दोबारा चिट्ठी आई है. चिट्ठी में लिखा है सोनिया जी, परिवार के मोह से ऊपर उठें. मगर ये चिट्ठी लिखने वाले शायद जानते नहीं है की कांग्रेस में चिट्ठी लिखना मना है.

पात्रा ने अपने दूसरे ट्वीट में कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद और राज बब्बर हुई कार्रवाई को शेयर करते हुए लिखा कि कांग्रेस में चिट्ठी लिखोगे तो बाहर जाओगे. #चिट्ठी_लिखना_मना_है.

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