मुजफ्फरपुर: जिले के पारू स्थित चैनपुर में 30 बेड वाले एपीएचसी निर्माण के बारे में स्वास्थ्य विभाग कोई भी जानकारी होने से इनकार कर रहा था। जबकि, सच्चाई यह है कि निर्माण राज्य स्वास्थ्य समिति के तत्कालीन ईडी यानी कार्यपालक निदेशक उदय सिंह कुमावत के निर्देश पर हुआ था। तत्कालीन ईडी आईएएस कुमावत का वह आदेश दबे फाइल में मौजूद है जिसमे ईडी ने भवन निर्माण विभाग को निर्माण करने के लिए कहा था।
अव्वल यह कि राज्य भर में ऐसे कुल 200 एपीएचसी का निर्माण होना था। इनमें कुल पांच मुजफ्फरपुर जिले में तैयार होने थे। पूरी परियोजना लागत एक अरब 6 लाख 30 हजार की थी। आदेश वर्ष 2007-08 में जारी हुआ था। वैसे कितने एपीएचसी का निर्माण हुआ और कितना नहीं, इसकी कोई रिपोर्ट होने से स्वास्थ्य विभाग अब भी इनकार कर रहा है।
ईडी के आदेश पर जो निर्माण हुआ इसका भी कोई ब्योरा नहीं है। मुजफ्फरपुर में पारू पीएचसी के तहत चैनपुर, मुरौल प्रखंड के पिलखी, सकरा के सीहो, मीनापुर के शंकरपट्टी और कटरा के बरैठा में एपीएचसी बनाना था। हालांकि सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार और डीपीएम रेहान अशरफ ने इस बाबत स्वीकृति संबंधित कोई आदेश उपलब्ध नहीं होने की बात कही।
तत्कालीन कार्यपालक निदेशक उदय सिंह कुमावत के निर्माण स्वीकृति आदेश में उन्होंने भवन निर्माण विभाग के सचिव को लिखे पत्र में कहा था-वित्तीय वर्ष 2007-08 में राज्य में 200 एपीएचसी का प्रति एपीएचसी 53.15 लाख की दर से निर्माण किया जाना है। इसके लिए संबंधित जिलों ने 31 स्थानों पर भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध होने की सूचना दे दी थी। उसी समय समिती ने प्रथम किस्त के रूप में 31 लाख रुपए का ड्राफ्ट संबंधित जिले को भेज दिया था।
संबंधित निर्देश पर बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड ने 2009 में पारू के चैनपुर में 30 बेड के एपीएचसी निर्माण का टेंडर निकाला। टेंडर 54 लाख 12 हजार का था, जो कमलपुरा कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला। बाद में काम पूरा होते-होते लागत 63 लाख 51 हजार हो गई। ठेकेदार को पहला बिल 12 लाख का मिला था। दूसरा बिल दो साल बाद 2011 में मिला।
ज्ञात हो कि मीडिया में खबर आने के बाद मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी। इस पर डीएम ने सिविल सर्जन और बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर से रिपोर्ट तलब की। सिविल सर्जन ने डीपीएम, पारू पीएचसी प्रभारी और पारू सीओ से संयुक्त जांच दो दिन पहले कराई। टीम ने डीएम को गोल-मोल रिपोर्ट भेज दी। इस बीच गुरुवार को भवन निर्माण निगम के डीजीएम आशुतोष कुमार ने डीएम को अपनी रिपोर्ट सौंप दी । इस रिपोर्ट में कहा यह कहा गया है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के आदेश पर एपीएचसी भवन बनाया गया। पारू पीएचसी प्रभारी ने हैंडओवर नहीं लिया।
एक ही स्वीकृति आदेश के तहत के मुरौल के पिलखी और सकरा के सीहो में भी एपीएचसी बना। सीहो में एपीएचसी चालू है। ओपीडी शुरू नहीं होने से इस भवन में भी जंगल-झाड़ उग गए। अब मुख्यालय ने एक डेंटिस्ट और एक फिजिशियन की तैनाती की है।