पटना मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत प्रायोरिटी कॉरिडोर के संचालन और रखरखाव के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DMRC) को जिम्मेदारी दी जाएगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि यह परियोजना पटना को एक स्मार्ट और भविष्य की जरुरतों को देखते हुए विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि अगस्त 2025 से मार्च 2028 तक की अवधि के लिए इस काम का कुल अनुमानित खर्च 179.37 करोड़ निर्धारित किया गया है। इसमें सर्विस टैक्स शामिल नहीं है। इसके अलावा प्रायोरिटी कॉरिडोर के काम को पूरा करने के लिए 3-कार सिंगल ट्रेनसेट को पटना मेट्रो के लिए किराए पर लिया जाएगा। पहले से ही ऑनबोर्ड सिग्नलिंग सिस्टम से सुसज्जित है। इसको खरीदने के बजाय किराए पर लेना आर्थिक रूप से ज्यादा व्यावहारिक माना गया है। इससे भविष्य में सिग्नलिंग सिस्टम के अनुकूलन में आने वाली समस्याओं से बचा जा सकेगा।
डिप्टी सीएम ने कहा कि तीन वर्षों की अवधि के लिए ट्रेनसेट किराए पर लेने के लिए कुल 13.25 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें संपूर्ण रखरखाव भी शामिल है। इसके अतिरिक्त अन्य खर्चों में परिवहन, बीमा, आरडीएसओ अनुमोदन आदि पर 7.90 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस प्रकार ट्रेनसेट किराया और संबंधित व्ययों का कुल अनुमानित व्यय 21.15 करोड़ रुपये होगा।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार, केंद्र सरकार के सहयोग से पटना में मेट्रो रेल के परिचालन को साकार करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। मेट्रो परियोजना न केवल राजधानी पटना की यातायात व्यवस्था को आधुनिक और सुगम बनाएगी, बल्कि इससे लोगों को जाम से राहत मिलेगी, सफर का समय कम होगा और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को नया विकल्प मिलेगा।