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Desk: पटना के गोला रोड स्थित सेंट कैरेंस स्कूल के गेट से आठवीं में पढ़ने वाले राहुल वर्मा को छुट्टी के बाद कुछ लड़कों ने उठा लिया था। दो बाइक और एक स्कूटी पर सवार कुल आठ लड़के आए थे। राहुल को जबरदस्ती स्कूटी पर बैठकर कंकड़बाग की ओर ले गए। राहुल को स्कूटी पर जबरदस्ती बैठाए जाते उसके पड़ोस की ही एक महिला ने देख लिया था। घटना की जानकारी राहुल के परिवार को हुई तो मामला रुपसपुर थाने पहुंचा।

इसके बाद राहुल का ही एक साथी शांतनु पुलिस के सामने आया और पूरी घटना की जानकारी दी। उसने ही आरोपी लड़कों से बात भी कराई। राहुल को इस तरह जबरदस्ती ले जाने वाले लड़कों को जब पता चला कि मामला पुलिस के पास पहुंच गया है, तब उन्होंने उसे ऑटो पर बैठाकर वापस भेज दिया। राहुल को छुट्टी के बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे ले जाया गया था। अब करीब सवा तीन घंटे बाद 4:45 में वह वापस अपने परिवार के बीच पहुंच गया।

सीनियर लड़कों में हुए झगड़े के बीच फंसा राहुल

वापस आए राहुल ने पुलिस को पूरी कहानी बताई। असल में राहुल स्कूल के ही सीनियर लड़कों के बीच हुए झगड़े के बीच फंस गया। स्कूल में उससे एक क्लास सीनियर रहे हर्ष नाम के एक लड़के का दो दिनों पहले 11वीं के लड़कों से झगड़ा हुआ था। हर्ष को 2018 में स्कूल से निकाला जा चुका है। झगड़े के वक्त राहुल भी वहां मौजूद था। हर्ष को लगा कि राहुल ने इस घटना का वीडियो बना लिया है। वह बार बार उससे वीडियो मांग रहा था। इसलिए ही हर्ष ने आज कुछ और लड़कों के साथ मिलकर राहुल को जबरदस्ती स्कूल से उठा लिया। उसे कंकड़बाग ले गया। मारपीट भी की। उसकी पिटाई का वीडियो बनाया। इधर जब उसके साथी शांतनु के कॉल से उन्हें पता लगा कि मामला पुलिस में पहुंच गया है तब उन्होंने उसे छोड़ा। हर्ष ने उसे 50 रुपए दिए और ऑटो में बैठा दिया।

लड़के कह रहे थे – चलो आज काट देते हैं

राहुल वर्मा का घर गोला रोड गली नंबर एक में है। स्कूल उसके घर के पीछे ही है, इसलिए वह पैदल जाता था। आज जब लड़के उसे जबरदस्ती स्कूटी पर बैठा रहे थे, तब राहुल के पड़ोस में रहने वाली रेखा देवी ने सब देख लिया था। हालांकि वो पूरी तरह राहुल को पहचान नहीं सकी थी। रेखा देवी ने राहुल की मां सुधा वर्मा से उसके वापस घर आने के बारे में पूछताछ की। सुधा वर्मा के अनुसार रेखा देवी ने उनसे पूछा कि राहुल घर आया क्या? स्कूल के पास एक लड़के को दो लड़के जबरदस्ती स्कूटी पर बैठा रहे थे। वो स्कूटी पर बैठा हाथ जोड़ रहा था। आगे 2 बाइक थी। सब पर 3-3 लड़के थे। वो माफ करने को कह रहा था। बोल रहा था – हमको छोड़ दो और वो लोग उसे कह रहे थे कि चलो आज तुमको काट देते हैं।

पुलिस में गया मामला तब घबराए लड़के

रेखा देवी के बताने के बाद राहुल की मां चिंता में पड़ गईं, क्योंकि वह अभी तक घर नहीं पहुंचा था। उन्हें यकीन हो गया कि वह लड़का राहुल ही था। मां ने राहुल के पिता अपोलो वर्मा को जानकारी दी। अपोलो वर्मा राजधानी गैस एजेंसी के मैनेजर हैं। फिर परिवार ने रूपसपुर थाना को बताया। पुलिस मामले की जांच में लगी। उधर बात जब फैलनी शुरू हुई तो राहुल का एक दोस्त शांतनु भी सामने आया। शांतनु ने ही अपने मोबाइल से हर्ष को कॉल भी किया। मामला पुलिस में गया देख, राहुल को अगवा करने वाले लड़के घबरा गए। हर्ष ने शांतनु को बताया कि वह राहुल को गायघाट की और ले आया है। अब उसे वापस ऑटो में बैठाकर भेज रहा है।

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